कल से खुलेंगे मंदिर, अब नहीं बजेंगी घंटियां

अब अगर आप मंदिर में जाकर माथा टेकने और जाते ही घंटी बजाकर भगवान को प्रसन्न करने की सोच रहे हैं तो आप इन दिनों अपने दिमाम में गलत विचार ला रहे हैं। आठ जून से खुलने वाले मंदिरों के लिए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने अपने कुछ खास नियम बनाए हैं जिससे लोग कोरोना वायरस से बच सकें। मंदिर प्रबंधकों की ओर से मंदिर में लगी सभी घंटी कपड़ों से बांधकर ढक दी गई हैं जिससे की कोई भी श्रद्धालु इन घंटियों को बजा ना सकें।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 10:54 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 10:54 PM (IST)
कल से खुलेंगे मंदिर, अब नहीं बजेंगी घंटियां
कल से खुलेंगे मंदिर, अब नहीं बजेंगी घंटियां

राहुल सिंह, नई दिल्ली

आठ जून से खुलने वाले मंदिरों के लिए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने अपने कुछ खास नियम बनाए हैं, जिससे लोग कोरोना वायरस से बच सकें। मंदिर प्रबंधकों की ओर से मंदिर में लगी सभी घंटी कपड़ों से बांधकर ढक दी गई हैं, जिससे कोई भी श्रद्धालु इन घंटियों को बजा न सके। झंडेवालान व कालकाजी मंदिर समेत दिल्ली के अन्य मंदिरों की ओर से कोरोना वायरस को रोकने के लिए यह पहल की जा रही है।

झंडेवालान मंदिर के प्रबंधक रविद्र गोयल ने बताया कि आठ जून से मंदिर खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर कमेटी की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर के हर कोने को सैनिटाइज किया गया है। खासतौर से गेट और मंदिर में लगी लोहे की ग्रिल को केमिकल से साफ किया गया है। उन्होंने बताया कि हर श्रद्धालु मंदिर में आते ही गेट पर लगी घंटियां बजाता है। ऐसे में लोगों की सुरक्षा को देखते हुए और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मंदिर परिसर में लगी सभी घंटियों को कपड़े से ढक दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर के गेट पर ही सेवादार खड़े होंगे, जो प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिग करेंगे। साथ ही वे लोगों को यह बताएंगे कि मंदिर में प्रसाद न लाएं और माथा न टेकें। भक्त केवल माता के दर्शन कर आगे चले जाएं। उन्होंने कहा कि मंदिर की सभी घंटी और घंटों को ढक दिया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति इन्हें बजा न सके। घंटी छूने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। वहीं, बिरला मंदिर, प्राचीन हनुमान मंदिर, मरघट वाले हनुमान मंदिर, गौरी शंकर मंदिर समेत दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में कोरोना को रोकने के लिए अपने-अपने स्तर से तैयारियां की जा रही हैं, जिनमें सैनिटाइजेशन के काम के साथ शारीरिक दूरी के नियम को बनाए रखने के लिए सफेद रंग के गोले बनाए जा रहे हैं।

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