योग ने बचाई करियर की नैया, बन गई खेवनहार

ललित कौशिक, नई दिल्ली : कुश्ती में प्रतिद्वंद्वी को धूल चटा देने वाली सपना टांक के सामने एक दौर ऐ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jun 2018 07:54 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jun 2018 07:54 PM (IST)
योग ने बचाई करियर की नैया, बन गई खेवनहार
योग ने बचाई करियर की नैया, बन गई खेवनहार

ललित कौशिक, नई दिल्ली : कुश्ती में प्रतिद्वंद्वी को धूल चटा देने वाली सपना टांक के सामने एक दौर ऐसा भी आया था, जब उन्हें लगा था कि वह कभी अखाड़े में नहीं उतर पाएंगी। डॉक्टर ने भी इसके लिए मना कर दिया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। योग की बदौलत उन्होंने न सिर्फ अपने घुटने की चोट को हराया, बल्कि फिर से प्रतिद्वंद्वियों को हराने के लिए अखाड़े में भी उतरीं। इसके बाद वे योग से इतना प्रभावित हुई कि अब वह कुश्ती के साथ-साथ योग का भी प्रशिक्षण देती हैं। सपना टांक की कहानी जीवन में योग का महत्व बताने के लिए काफी है। 27 वर्षीय सपना राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं। वे बताती हैं कि कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रशिक्षण के दौरान उनके घुटने में चोट लग गई थी। कुछ समय तक तो वे चोट को नजरअंदाज कर कुश्ती लड़ती रहीं लेकिन एक समय ऐसा आया कि लगा कि दर्द के कारण जिंदगी थम गई है। घुटने का ऑपरेशन ही करना पड़ा। उसके बाद डॉक्टर ने कुश्ती न लड़ने की हिदायत दी। कहा कि ऐसा करने से हमेशा के लिए पैर में दिक्कत हो जाएगी।

योग जीता, रोग हारा

सपना हंसते हुए कहती हैं कि डॉक्टर के मना करने पर भी कुश्ती का खानदानी जुनून कहां थमने वाला था। उन्होंने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने ही योग का परामर्श दिया। वे धीरे-धीरे विभिन्न आसन के बारे में जानकारी जुटाती गई और साथ ही उनका अभ्यास करती गई। बताती हैं कि घुटने में चोट होने के कारण शुरुआती समय में तो कुछ परेशानी हुई, लेकिन धीरे-धीरे दर्द चला गया।

रोगी से बन गई योग प्रशिक्षक

सपना कभी घुटने के दर्द से परेशान थीं। योग से निरोग हुई तो उन्होंने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया। अब सपना को अधिकतर आसन की जानकारी है। वे कहती हैं कि योग से शरीर तरोताजा महसूस होता है। मांसपेशियों में जो खिंचाव होता है, उससे राहत मिलती है। वे कहती हैं, अब अखाड़े में नवोदित खिलाड़ियों को कुश्ती के दाव-पेंच के साथ योगासन भी बताती हूं।

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