एक माह बाद फुल पैंट में दिखेंगे RSS कार्यकर्ता, गुड़गांव में हो रही ड्रेस तैयार

एक महीने बाद राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) के कार्यकर्ता अब खाकी निक्कर की जगह भूरे रंग की पैंट पहने नजर आएंगे।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 08 Jun 2016 08:09 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jun 2016 01:05 PM (IST)
एक माह बाद फुल पैंट में दिखेंगे RSS कार्यकर्ता, गुड़गांव में हो रही ड्रेस तैयार

नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयं संघ के कार्यकर्ता अब खाकी निक्कर की जगह भूरे रंग की पैंट पहने नजर आएंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें एक माह और इंतजार करना पड़ेगा। जुलाई में कार्यकर्ताओं के लिए भूरे रंग की पैंट सभी शाखाओं पर उपलब्ध हो जाएगी।

हरियाणा के गुड़गांव में आरएसएस द्वारा डिजाइन की गई लाखों पैंट तैयार करवाई जा रही है। कार्यकर्ताओं को इस पैंट को खरीदकर पहनना पड़ेगा। बता दें कि संघ की स्थापना से लेकर आज तक तीन से चार बार ही कार्यकर्ताओं की ड्रेस में बदलाव किया गया है।

कब-कब बदला कोड

1925 में राष्ट्रीय स्वयं संघ का ड्रेस कोड खाकी कमीज और खाकी निक्कर निर्धारित हुआ था। इसके बाद 1940 में ड्रेस कोड में बदलाव किया गया। खाकी कमीज की जगह सफेद कमीज और खाकी निक्कर ड्रेस कोड हो गया। 1940 से लेकर आज तक यही ड्रेस कोड आरएसएस कार्यकर्ताओं पर लागू है। सरसंघचालक से लेकर कार्यकर्ता तक के लिए एक ही ड्रेस कोड है।

रंग और डिजाइन तैयार

पिछले दिनों आरएसएस ने ड्रेस कोड में बदलाव करने का निर्णय लिया गया। संघ ने तय किया कि निक्कर की जगह पैंट को ड्रेस कोड में शामिल किया जाए। आखिर में पैंट पर मोहर लगी और भूरा रंग फाइनल किया गया।

रंग तो फाइनल हो गया, लेकिन इसके डिजाइन और सिलाई को लेकर मंथन हुआ। डिजाइन ऐसा होना चाहिए, जो शारीरिक परीक्षण में किसी प्रकार की दिक्कत उत्पन्न न करें।

आरएसएस ने ऐतिहासिक मेकओवर करते हुए अपने 90 साल पुराने ड्रेस कोड को बदलने का निर्णय लिया है। अब स्वयंसेवक खाकी हाफ पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट पहनेंगे। इसका फैसला राजस्थान के नागौर में चल रही आरएसएस की तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन लिया गया था।

गौरतलब है कि अभी तक खाकी पैंट के साथ काली टोपी, सफेद शर्ट, भूरे मोजे और बांस का डंडा आरएसएस के पारंपरिक परिधान में शामिल रहे हैं, जिन्हें 'गणवेश' कहा जाता है।

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