नियम का अनुपालन नहीं करने वालों पर शुरू करें कार्रवाई : हाई कोर्ट

विभिन्न मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से साइबर अपराध के जरिए धोखाधड़ी करने वाले उपभोक्ताओं को टेलीकॉम कंपनियों द्वारा ब्लाक नहीं किए जाने के खिलाफ पेटीएम की याचिका पर हाई कोर्ट ने दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को फटकार लगाई। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने ट्राई से पूछा कि अब तक वह किसका इंतजार कर रही थी और अब तक उसने किसी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 09:53 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 09:53 PM (IST)
नियम का अनुपालन नहीं करने वालों पर शुरू करें कार्रवाई : हाई कोर्ट
नियम का अनुपालन नहीं करने वालों पर शुरू करें कार्रवाई : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

विभिन्न मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से साइबर अपराध के जरिये धोखाधड़ी करने वाले उपभोक्ताओं को टेलीकॉम कंपनियों द्वारा ब्लॉक नहीं किए जाने के खिलाफ पेटीएम की याचिका पर हाई कोर्ट ने दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को फटकार लगाई। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने ट्राई से पूछा कि अब तक वह किसका इंतजार कर रहे और अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।

पीठ ने कहा कि ज्यादा दोस्ती न दिखाएं और कम से कम पांच मामलों में कार्रवाई करें। आप दिखाइए कि आपकी कानून का पालन कराने में रुचि है। पीठ ने इसके साथ ही निर्देश दिया कि नियमों का अनुपालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करें। इसके साथ ही ट्राई को मामले में छह सप्ताह का समय दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। केंद्र सरकार ने अपने शपथ पत्र में कहा कि उन्होंने निर्देश जारी किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बगैर दस्तावेजों की जांच किए सिम कार्ड न जारी हो।

पेटीएम चलाने वाली वन-97 कम्युनिकेशन कंपनी ने याचिका दायर कर मोबाइल नेटवर्क के जरिये साइबर अपराध करने वालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। याचिका के अनुसार कई लोग किसी कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों को फोन, ईमेल या फिर अन्य माध्यमों से बैंक अकाउंट, पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर धोखाधड़ी करते हैं। पेटीएम को इससे सौ करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है और उसकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंच रही है। याचिका के अनुसार इसे लेकर नियम-कानून भी हैं, इसके बाबजूद अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिका में कंपनी को 100 करोड़ का मुआवजा दिलवाने की भी मांग की गई है।

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