जानिए, 7वें वेतन आयोग को क्‍यों दिखाया ठेंगा, लामबंद हुए देश के डॉक्टर

सातवें वेतन आयोग जहां सरकारी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हैं एेसे में देश के डाक्‍टर इसके खिलाफ हैं। आखिर क्‍या है इसकी वजह ।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 11 Jun 2016 10:05 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jun 2016 02:06 PM (IST)
जानिए, 7वें वेतन आयोग को क्‍यों दिखाया ठेंगा, लामबंद हुए देश के डॉक्टर

नई दिल्ली । जहां सातवें वेतन आयोग को लेकर सरकारी कर्मचारियों में उत्साह है, वहीं देश के डाक्टर इसके विरोध में लामबंद हो रहे हैं। आखिर इसकी सिफारिशों में ऐसा क्या है जो डाक्टरों को नागवार गुजर रहा है। पूरे देख में डॉक्टर इसके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि डॉक्टर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि आयोग ने अपनी सिफारिशों में गैर प्रैक्टिस भत्ता (एनपीए) कम करने, उसे मूल वेतनमान से अलग करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश पर डाक्टरों का सख्त एतराज है।

फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. पंकज सोलंकी ने कहा कि बैठक में यह बात सामने आई है कि अलग-अलग राज्यों के डॉक्टरों के वेतनमान में भी असमानता है। वेतन आयोग ने अपनी सिफारिश में डॉक्टरों के साथ सौतेला बर्ताव किया है। इसलिए डॉक्टर आयोग की सिफारिशों नहीं मानेंगे। यदि आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ फैडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (फोर्डा), दिल्ली द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन में करीब 16 राज्यों के डॉक्टर लामबंद हो गए हैं।

शनिवार को दिल्ली के अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराचंल, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के संगठनों से आए डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमएस) के मुख्यालय में बैठक की। इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि मांगे नहीं माने जाने पर देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। हालांकि डॉक्टरों ने कोई समय निर्धारित नहीं किया है। आइएमए ने भी सरकारी डॉक्टरों की मांग को सही ठहराते हुए उन्हें समर्थन देने की बात कही है।

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