योगेंद्र ने कपिल को लिखा खत, कहा- देश को भी बताओ 'केलिस्टा रिसोर्ट' कांड का सच

योगेंद्र ने पत्र में लिखा है कि आपके विशेष अनुरोध पर मैं आपके चुनावक्षेत्र में कई बार प्रचार करने गया था। सोचिये मुझे कैसा लगा होगा जब आपके ही मुंह से गद्दारी का आरोप सुना?

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 22 May 2017 01:46 PM (IST) Updated:Mon, 22 May 2017 03:10 PM (IST)
योगेंद्र ने कपिल को लिखा खत, कहा- देश को भी बताओ 'केलिस्टा रिसोर्ट' कांड का सच
योगेंद्र ने कपिल को लिखा खत, कहा- देश को भी बताओ 'केलिस्टा रिसोर्ट' कांड का सच

नई दिल्ली (जेएनएन)। कभी आम आदमी पार्टी (AAP) के चाणक्य कहे जाने वाले योगेंद्र यादव ने पार्टी के बागी कपिल मिश्रा को एक खुला खत लिखा है। योगेंद्र यादव ने यह खत कपिल मिश्रा के प्रशांत भूषण और खुद योगेंद्र से माफी मांगने के बाद लिखा है। बता दें कि रविवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने पत्रकार वार्ता कर अरविंद केजरीवाल पर जमकर बोला था, वहीं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण से हाथ जोड़कर माफी मांगी थी। 

एक खुला पत्र कपिल मिश्रा के नाम
कपिल भाई,

कल पत्रकार वार्ता में आपकी क्षमायाचना सुनी। मुझे लगा कि प्रशांत जी और मुझसे (और साथ में आनंद जी और अजीत भाई से) माफ़ी मांगने की बजाय उन हज़ारों वॉलंटियर, लाखों समर्थकों और करोड़ों देशवासियों से माफ़ी मांगनी चाहिए थी जिनके साथ धोखा हुआ है। मुझे अच्छा लगा कि आपने भी शाम तक मेरी इस बात का समर्थन किया। गलती कौन नहीं करता, लेकिन माफ़ी मांगने की हिम्मत हर कोई नहीं करता।

यह भी पढ़ेंः फिर मुश्किल में फंसे केजरीवाल, जेटली ने किया 10 करोड़ की मानहानि का दावा 

बहुत वक्त बीत गया है, फिर भी आपकी सार्वजनिक क्षमायाचना से कई दोस्तों के पुराने घाव भरने में मदद मिलेगी। जब हमें झूठे लांछन लगाकर पार्टी से निकाला गया उस वक्त (खासतौर पर केलिस्टा रिसोर्ट कांड में) आपकी और अपने कई साथियों की भूमिका देखकर मेरा इंसानियत से भरोसा हिल गया था।

आपके विशेष अनुरोध पर मैं आपके चुनावक्षेत्र में कई बार प्रचार करने गया था। सोचिये मुझे कैसा लगा होगा जब आपके ही मुंह से गद्दारी का आरोप सुना? और आपका आदरणीय शांति भूषण जी पर हमला। अब भी याद कर सिहर उठता हूं! आज आपने उस घटना के सच का इशारा तो किया, लेकिन कभी ठीक समझें तो उस काण्ड का पूरा सच देश के सामने रख दीजिएगा।

आज आपकी क्षमायाचना में मुझे उन कई पुराने साथियों की भी आवाज़ भी सुनी जो अपने किए पर शर्मिंदा महसूस करते हैं, चोरी-छिपे माफ़ी के सन्देश भेजते रहे हैं, लेकिन खुलकर बोल नहीं पाते। उसे सुनकर मेरे भीतर अगर कोई कड़वाहट बची थी तो वो धुल गई।

वैसे आप राजनीति में मुझसे बहुत होशियार हैं, लेकिन अगर अन्यथा न लें तो एक सुझाव दूं? ये रोज-रोज अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पत्रकार वार्ता करनी बंद कर दीजिए।

मैं नहीं कहता कि आपके सारे आरोप गलत हैं। कुछ आरोप वजनदार हैं, हालांकि बाकी का अभी कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन दिन-रात आरोपों की झड़ी सुनने से आम आदमी पार्टी तो साफ़ नहीं होगी, ईमानदार राजनीति में जनता की जितनी भी आस्था बची है वो जरूर साफ़ हो जाएगी।

यूं भी अगर ये सब आपको पता था तो आप पिछले दो साल से वहां क्या कर रहे थे? आज आपको प्रायश्चित शोभा देता है, प्रतिशोध नहीं।

कपिल भाई, नकारात्मकता की राजनीति न देश के हित में है, न ही आपके हित में। पिछले दो साल से मैंने अपना अधिकांश समय गांव-खेती-किसान के सवाल पर लगाया है। मेरा यकीन मानिये, आम आदमी पार्टी के नेताओं के कुकर्म इस देश की सबसे बड़ी समस्या नहीं है। जैसा फैज़ ने कहा था "और भी दुःख हैं ज़माने में ... "
शुभकामनाओं सहित,
आपका अग्रज
योगेंद्र यादव

chat bot
आपका साथी