गौरव ने सकारात्मक रहकर जीती कोरोना से जंग, आप भी घर में रहकर कोविड को दे सकते हैं मात
संक्रमित होने पर सकारात्मकता जरूरी है। कुछ समय के लिए देश-दुनिया की खबरों से दूरी सही है क्योंकि कोरोना पर रोज मिलती बुरी खबरों से आत्मविश्वास हिल ही जाता है। गौरव ने बताया उन्हें अप्रैल के तीसरे हफ्ते में बुखार आया और तेज खांसी ने उनको बेहाल कर दिया था।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना से संक्रमित होने के बाद घबराइए मत, शांत मन से घर पर ही रहकर इलाज करिए। एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जिसने घर पर ही रहकर इस महामारी से जंग जीती है। ये कहना है कोरोना से संक्रमित होने के बाद घर पर ही रहकर ठीक हुए गौरव गौतम का। गौरव बताते हैं कि संक्रमित होने पर सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है। कुछ समय के लिए देश-दुनिया की खबरों से कट लेना ही सही है क्योंकि कोरोना पर रोज मिलती बुरी खबरों से आत्मविश्वास हिल ही जाता है।
उन्होंने बताया कि उन्हें अप्रैल के तीसरे हफ्ते में बुखार आया और तेज खांसी ने उनको बेहाल कर दिया था। उन्होंने बिना लापरवाही बरते पहले दिन से ही एक अलग कमरे में खुद को आइसोलेट कर लिया और फिर सैंपल भी दिए। करीब तीन दिन बाद उनकी जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। जांच रिपोर्ट आने के तीन दिन पहले से ही उन्होंने गिलोय का काढ़ा, नारियल पानी, नींबू पानी, हल्दी पानी, मौसमी और संतरे के जूस पीना शुरू कर दिया था।
वो कहते हैं कि जिंदगी में पहली बार केवल यहां पर ‘पाॅजिटिव’ होना एक सजा था और सबसे दूर रहना एक मजबूरी। जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने डाॅक्टर की सलाह ली। डाॅक्टर ने उन्हे घर ही रहकर इलाज शुरू करने की सलाह दी और कुछ दवाइयों देने के साथ व्यायाम करने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि दवाई से ज्यादा जरूरी है गर्म पानी और भाप लेना। बिना लापरवाही किए उन्होंने दिन में चार से पांच बार पानी में सेंधा नमक और हल्दी डालकर भाप ली। प्यास लगने पर केवल गर्म पानी पीया। साथ ही रोज सुबह उठकर सांसों को सांधने का व्यायाम किया। सकारात्मक रहने के लिए वो रोज कामेडी फिल्में देखते थे। साथ ही दोस्तों से वाट्सएप पर बातें करते थे, मनपसंद के गाने सुनते थे। करीब 20 दिन बाद उनकी तबीयत सामान्य होने लगी और कोरोना की जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई।