Delhi Coronavirus News Update: दिल्ली में शुरू हुआ फेविपिराविर दवा से कोरोना का इलाज

डॉक्टर कहते हैं कि अभी इसे कोरोना के इलाज में रामबाण तो नहीं कहा जा सकता लेकिन कम गंभीर मरीजों के लिए यह संजीवनी साबित हो सकती है।

By Edited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 08:39 PM (IST) Updated:Tue, 23 Jun 2020 11:43 AM (IST)
Delhi Coronavirus News Update:  दिल्ली में शुरू हुआ फेविपिराविर दवा से कोरोना का इलाज
Delhi Coronavirus News Update: दिल्ली में शुरू हुआ फेविपिराविर दवा से कोरोना का इलाज

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच फेविपिराविर दवा मरीजों के लिए एक उम्मीद की किरण के रूप में सामने आई है। दिल्ली के कई बडे़ निजी अस्पतालों में यह दवा उपलब्ध हो गई है, जहां डॉक्टर की सलाह पर मरीजों ने इस दवा को लेना शुरू कर दिया है। हालांकि कोरोना के इलाज में यह दवा कितनी फायदेमंद साबित होगी, यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इसलिए डॉक्टर कहते हैं कि अभी इसे कोरोना के इलाज में रामबाण तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन कम गंभीर मरीजों के लिए यह संजीवनी साबित हो सकती है। फिलहाल फेविपिराविर दवा देने से पहले डॉक्टरों को कोरोना पीड़ित या उसके तीमारदार से स्वीकृति लेना जरूरी है।

फोर्टिस शालीमार बाग के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. विकास मौर्या ने कहा कि अस्पताल में यह दवा आ गई है। इलाज में इसका इस्तेमाल शुरू किया गया है। दवा कैसी असर कर रही है यह कुछ समय बाद पता चलेगा। उन्होंने कहा कि विदेश में इंफ्लूएंजा के इलाज में इसका इस्तेमाल पहले से होता रहा है। यह एंटीवायरल दवा है। जापान, रूस व कुछ अन्य देशों में कोरोना के मरीजों को इसे देकर देखा है। जिसमें पाया गया है कि यह दवा शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकती है। यहां भी फेज-तीन का ट्रायल चल रहा है।

मरीज को पहले दिन सुबह-शाम लेना होता है 9-9 टेबलेट

डॉ. विकास मौर्या ने कहा कि यह दवा टेबलेट के रूप में उपलब्ध है। एक पत्ते में 34 गोली होती है। एक गोली की कीमत 103 रुपये है। इस लिहाज से करीब 3500 रुपये में यह दवा आती है। 14 दिन तक यह दवा लेनी होती है। इस लिहाज से दवा थोड़ी महंगी भी है। पहले दिन नौ गोली सुबह व नौ गोली दवा शाम को लेनी है। अपोलो अस्पताल के श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश चावला ने कहा कि एक-दो अध्ययन में इसे असरदार बताया गया है। इसलिए यहां भी इसका इस्तेमाल शुरू किया गया है।

गर्भवती महिलाओं को नहीं दी सकती दवा

आकाश हेल्थकेयर अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. अक्षय बुद्धिराजा ने कहा कि महाराष्ट्र में भी इसका ट्रायल हुआ है। दवा 18 साल से अधिक उम्र के मरीजों को ही दी जा सकती है। हल्के लक्षण वाले मरीजों में खांसी, सर्दी, जुकाम, गले में खराश व हल्का बुखार होता है। कम गंभीर मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। यानी ऑक्सीजन का स्तर 90 से 94 के बीच रहता है। साथ ही निमोनिया का हल्का संक्रमण भी हो सकता है। ऐसे मरीजों को यह दवा दी जा रही है। यह दवा बीमारी को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोकने में मददगार हो सकती है। दवा का हल्का दुष्प्रभाव भी है। इसलिए इसे गर्भवती महिलाओं को नहीं दिया जा सकता।

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