Nirbhaya Case: निर्भया के दोषियों को डेथ वारंट जारी करने वाले जज का तबादला

Nirbhaya Case दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय ने पटियाला हाउस के सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि सतीश कुमार अरोड़ा तुरंत उनके मौजूदा पद से मुक्त किया जाए।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 07:42 AM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 08:31 AM (IST)
Nirbhaya Case:  निर्भया के दोषियों को डेथ वारंट जारी करने वाले जज का तबादला
Nirbhaya Case: निर्भया के दोषियों को डेथ वारंट जारी करने वाले जज का तबादला

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 2012 Delhi Nirbhaya Case: निर्भया के चारों दोषियों अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा, मुकेश सिंह और पवन कुमार गुप्ता की फांसी को लेकर डेथ वारंट जारी करने वाले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा का तबादला हो गया है। उन्हें पटियाला हाउस अदालत से सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री विभाग में अतिरिक्त रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किया गया है।

दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय ने पटियाला हाउस के सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि सतीश कुमार अरोड़ा तुरंत उनके मौजूदा पद से मुक्त किया जाए, ताकि वह नया पदभार संभाल सकें। रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से संयुक्त रजिस्ट्रार अनिल कुमार अरोड़ा ने पत्र में कहा कि यह तबादला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के दिशा-निर्देश पर किया गया है।

पटियाला हाउस अदालत में बतौर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रहते हुए सतीश कुमार अरोड़ा ने निर्भया मामले में दोषियों विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन को एक फरवरी के लिए डेथ वारंट जारी किया था। इसके अलावा उनकी अदालत में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के केस सुने जाते थे।

अंतिम इच्छा को लेकर चुप हैं चारों

वहीं, तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, चारों दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता अंतिम इच्छा और संपत्ति को लेकर चुप हैं। वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में हो सकता है चारों अपनी अंतिम इच्छा के बारे में बता दें।

यहां पर बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में छह दरिंदों (राम सिंह, एक नाबालिग, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता) ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया था। इस दौरान दरिंदों ने निर्भया को इस कदर शारीरिक प्रताड़ना दी कि कुछ दिन अस्पताल में जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद दम तोड़ दिया था।

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