जानें, 6 लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये ठगने वाले अनुभव की कहानी

नोएडा में इस फर्जीवाड़े के खुलासे से हड़कंप मच गया। एसटीएफ की तफ्तीश में आगे भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 03 Feb 2017 10:18 AM (IST) Updated:Sat, 04 Feb 2017 03:05 PM (IST)
जानें, 6 लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये ठगने वाले अनुभव की कहानी
जानें, 6 लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये ठगने वाले अनुभव की कहानी

नोएडा (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने नोएडा में फर्जी कंपनी बनाकर लगभग साढे छह लाख लोगों से धोखाधडी करके 3700 करोड़ रूपये वसूलने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना सहित तीन लोगों को अरेस्ट किया है। STF स्पोक्सपर्सन ने बताया कि अब्लेज इन्फो सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी कंपनी पहले http://Socialtrade.biz ऑनलाइन पोर्टल से ऑपरेट करती थी लेकिन बाद में http://Frenzzup.com वेबसाइट से ऑपरेट करने लगी। कंपनी के डायरेक्टर अनुभव मित्तल, CEO श्रीधर और टेकनिकल हेड महेश दयाल को गिरफ्तार किया गया है। नोएडा के सूरजपुर थाने में FIR दर्ज की गई है।

यूं खुला मामला

यह मामला उस वक्त सामने आया जब अनुभव मित्तल और उसके दो साथी-40 वर्ष के श्रीधर प्रसाद और 25 साल के महेश दयाल को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

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बीटेक की पढ़ाई पूरी करने से पहले बना ली थी कंपनी

साढ़े छह लाख लोगों से 37 सौ करोड़ की ठगी करने वाली कंपनी के निदेशक अनुभव मित्तल ने बीटेक की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही ठग कंपनी बना ली थी। वर्ष 2011 में अनुभव ने ग्रेटर नोएडा स्थित कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई पूरी की है। उससे एक वर्ष पहले उसने वर्ष 2010 में ही एब्लेज एन्फो सॉल्युशन नाम की कंपनी की शुरुआत कर दी थी। जिसका पता एसपी मुखर्जी मार्ग चांदनी चौक नई दिल्ली है। कंपनी के रजिस्टर्ड पते पर जांच में एसटीएफ को वहां कोई कार्यालय नहीं मिला।

पिता का बना दिया था निदेशक

कंपनी में अनुभव ने अपने अलावा पिता सुनील मित्तल को भी डायरेक्टर बना दिया। सुनील का हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रानिक्स के नाम से दुकान है। पूछताछ में अनुभव ने एसटीएफ को नवनिर्मित कंपनी को उसने ग्रेटर नोएडा स्थित इंस्टीटयूट के हास्टल से शुरू करना बताया है। बीटेक पास करने के बाद साफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम बहुत छोटे स्तर पर प्रारंभ किया।

छह माह पहले सीईओ बना था श्रीधर

करीब छह माह पहले सीईओ के पद पर काम शुरू करने वाला श्रीधर प्रसाद दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद एक टेलीकाम कंपनी में सेल्स मैन से नौकरी शुरू कर सेल्स मैनेजर तक पहुंचा था। 2001 में हैदराबाद स्थित कंपनी में बिजनेस डेवलपर के पद पर कार्य किया। 2010 में एक दूसरी कंपनी में नाइजिरिया में सहायक बिजनेस डेवलपर के रूप में कार्य किया। सोशल ट्रेड डॉट बिज में श्रीधर की पत्नी ने सदस्यता ली थी। बिजनेस मॉडल को समझने के चक्कर में कई बार उसकी और अनुभव की मुलाकात हुई।

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कंपनी के पास साढ़े छह लाख लोगों की नौ लाख आइडी

एसटीएफ को प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि कंपनी से साढ़े छह लाख लोग जुड़े है। जिनकी करीब नौ लाख आइडी के साथ कंपनी में पैसा जमा किया गया है। जिसके जरिए कंपनी में करीब 37 सौ 26 करोड़ रुपये कंपनी में जमा किए गए हैं।

Pics: 6 लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये ठगने वालों का पर्दाफाश

एसटीएफ ने फ्रीज कराए अकाउंट

कंपनी का राजनगर गाजियाबाद स्थित केनरा बैंक के खाते में 480 करोड़ व यश बैंक के खाते में 44 करोड़ रुपये मिले। जिसे एसटीएफ ने फ्रीज कराया है। एसटीएफ के अनुसार इनके बताए गए पैकेज को लेने के लिए कोई एक बार जुड़ जाता तो 21 दिन के अंदर दो सदस्यों को जोड़ना अपेक्षित होता है। जिसे बूस्टर कहा जाता था। जिसके वजह से ही ग्राहकों की चेन बनती चली जाती थी।

कंपनी के खिलाफ सर्वर पर मिली लाखों शिकायतें

एसटीएफ के मुताबिक कंपनी द्वारा दिए गए स्कीम के पैसे नहीं मिलने पर लोगों ने शिकायत करनी भी शुरू कर दी थी। जांच में कंपनी के मेल सर्वर पर पैसे कंपनी द्वारा नहीं मिलने पर लाखों की संख्या में शिकायतें मिली हैं। जिसका डाटा एकत्रित किए जा रहे है। जांच में कंपनी के प्रचलित खाते बंद कराना और नये बैंक में खाता खुलवाने से भी संदिग्धता प्रदर्शित हुई।

RBI और वित्त मंत्रालय को भी मिली थीं कंपनी की शिकायतें

आरबीआई, ईओडब्ल्यू, वित्त मंत्रालय और नोएडा प्रशासन को भी शिकायतें मिली हैं। एसटीएफ के अनुसार शिकायतें सोशल ट्रेड डॉट बिज के विरूद्ध मिल रही थी। इसलिए कंपनी ने दिसंबर 2016 के अंत में सोशल ट्रेड डॉट बिज से माइग्रेट कर फ्री हब डॉट कॉम लांच कर दिया और फिर 10 दिन बाद इंटमार्ट डॉट कॉम पर माइग्रेट कर दिया। वहीं 27 जनवरी को फिर से इंटमार्ट से फ्रेंजप डॉट कॉम पर माइग्रेट कर लिया था। करीब सात दिन पहले एब्लेज का बोर्ड हटाकर दूसरी एक कंपनी का बोर्ड लगाया था।

इनकम टैक्स की टीम जांच में जुटी

एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि फर्जीवाड़े के मामले में इलेक्ट्रानिक डेटा का सर्च और सीजर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री लखनऊ के एक्सपर्ट कर रहे हैं। केस भी यहां से ट्रांसफर कराकर साइबर थाने से कराई जाएगी। इसके अलावा पोंजी स्किीम के द्वारा किए गए फ्रॉड के संबंध में रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया, इनकम टैक्स विभाग और सेबी को आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित कर दिया गया है।

नेता व अभिनेता से है संपर्क

गिरफ्तार मुख्य आरोपी के कुछ नेता और अभिनेताओं से भी संपर्क की बाते सामने आई हैं। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि बॅालीवुड के कुछ लोगों से संपर्क की बात है। कंपनी से जुड़े लोगों के डायमंड क्लब, गोल्डेन क्लब बना रखे थे। डायमंड क्लब के लोग आस्ट्रेलिया जाने वाले थे।

अनुभव के पिता और पत्नी भी नामजद

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पिछले करीब 15 दिन से एसटीएफ इस केस की जांच में लगी हुई थी। एक फरवरी को अनुभव और उसके दो साथियों को सेक्टर 63 स्थित कंपनी पर छापेमारी कर पकड़ा गया। अनुभव मित्तल के पिता व कंपनी के पूर्व डायरेक्टर सुनील कुमार मित्तल एवं अनुभव की पत्नी आयुषी तथा वर्तमान सह डायरेक्टर एवं सन्नी मेहरा नामजद है।

गाजियाबाद में मौजूद 12 सर्वर का इस्तेमाल करते थे

एसटीएफ के सामने लाइक करने के लिए दिए जाने वाले यूआरएल की जांच कराना बड़ी चुनौती है। आरोपी इसके लिए 12 सर्वर किराए पर ले रखा था।

लोगों को ठगने की यह थी स्कीम

पुलिस जांच में सामने आया है कि socialtrade.biz के पोर्टल से जुड़ने के लिए 5750 रुपये से लेकर 57,500 रुपये के बीच में कंपनी के अकाउंट में जमा करना होता था, जिसके बदले हर सदस्य को हर क्लिक पर 5 रुपये घर बैठे देगा। हर सदस्य को अपने नीचे 2 और लोगों को जोड़ना होता था, जिसके बाद मेंबर को एक्स्ट्रा पैसे मिलते थे। बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय की नजरों से बचने के लिए यह कंपनी वर्चुअल वर्ल्ड में लगातार नाम बदल रही थी। पहले socialtrade.biz फिर freehub.com से intmaart.com से frenzzup.com और फिर 3W.com के नाम से धोखाधड़ी का खेल चल रहा था।

इस तरह हुआ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

बताया जा रहा है कि कई सदस्यों को पैसे मिलना बंद हुए, तो उन्होंने नोएडा के फेज़-3 थाने और सूरजपुर थाने में मामला दर्ज कराया। बैंक खातों की जांच से सामने आया है कि यह फर्जीवाड़ा 3700 करोड़ रुपये का है। एसटीएफ ने कंपनी की 500 करोड़ की रकम को ट्रैक करके सीज कर दिया है। नोएडा में इस फर्जीवाड़े के खुलासे से हड़कंप मच गया। एसटीएफ की तफ्तीश में आगे भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।

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