Sri Krishna Janmashtami 2020 : कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए पूरी तरह तैयार हैं दिल्ली के मंदिर, देखें तस्वीरें

Sri Krishna Janmashtami 2020 11 और 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाए जाने के चलते दोनों दिन मंदिरों में सजावट बरकरार रहेगी।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 08:51 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 05:17 PM (IST)
Sri Krishna Janmashtami 2020 : कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए पूरी तरह तैयार हैं दिल्ली के मंदिर, देखें तस्वीरें
Sri Krishna Janmashtami 2020 : कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए पूरी तरह तैयार हैं दिल्ली के मंदिर, देखें तस्वीरें

नई दिल्ली [ध्रुव कुमार]। Sri Krishna Janmashtami 2020 : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी त्योहार मनाने के लिए देश-दुनिया के तमाम मंदिरों में तैयारी हो चुकी है। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में लोग बेहद सावधानी से यह त्योहार मना रहे हैं। इस बार सालों बाद ऐसा अवसर आया है जब इस बार देश-दुनिया में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन यानी 11 और 12 अगस्त को मनाई जा रही है। इस बाबत सोमवार शाम को ही दिल्ली-एनसीआर के तमाम मंदिर सज गए यहां पर लाइटिंग के साथ सजावट देखते ही बन रही है। मंदिर के पुजारियों का यह भी कहना है कि मंदिर 11 और 12 अगस्त दोनों दिन सजे रहेंगे, लाइट्स की व्यवस्था बनी रहेगी। आइये जानते हैं कि दिल्ली के किन मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मद्देनजर किस तरह सजावट की गई है।

जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में फोकस लाइटों से बिरला मंदिर सोमवार शाम से ही जगमगा रहा है। इससे पहले हर साल इसे बल्बों की रोशनी से सजाया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते मंदिर परिसर के पीछे लगने वाली श्रीकृष्ण भगवान की झांकियां भी नहीं लगाई गई हैं। मंदिर के अंदर ही लड्ड़ू गोपाल व श्रीकृष्ण भगवान की झांकी होगी, जिसका श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।

जन्माष्टमी के मद्देनजर पुरानी दिल्ली के किनारी बाजार में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के रूप में पूजे जाने वाले लड्डू गोपाल की मूर्तियों की सोमवार को जमकर खरीदारी हुई। 

 

दुकानदारों का कहना है कि लोग हर साइड की मूर्तियों को खरीद रहे हैं। खरीदारी के दौरान आए ग्राहकों ने मास्क लगाए थे, तो शारीरिक दूरी के नियमों का भी पालन किया।

बता दें कि श्रीकृष्ण को उनके हर रूपों में पसंद किया जाता है। बताया जाता है कि श्रीकृष्ण का रंग सांवला था, इसलिए बड़ी संख्या में भक्त उनके इसी रूप को पसंद करते हैं और उसी हिसाल से मूर्तियों की खरीदारी करते हैं।

 

दिल्ली के इस्कॉन मंदिर को भी सजाया गया है, यह सजावट 2 दिन रहेगी।

करोल बाग स्थित झंलेवालान मंदिर की सजावट लोगों को दूर से भी लुभा रही है।

 

वहीं, झंडेवालान मंदिर में कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने की झांकी लोगों को अपनी ओर बरबस खींच रही है।

कृष्ण की यूं तो सारी छवियां लुभाती है, लेकिन श्रीकृष्ण-सुदामों की दोस्ती वाली तस्वीर लोग खूब पसंद करते हैं। दरअसल, कृष्ण-सुदामा की दोस्ती ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी, छोटे-बड़े के भेद को समाप्त करती है और विश्व को दोस्ती जैसे रिश्ते की अहमियत समझाती है।

कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। वे माता देवकी और पिता वासुदेव की 8वीं संतान थे। श्रीमद भागवत के वर्णन अनुसार द्वापरयुग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज करते थे। उनका एक आततायी पुत्र कंस था और उनकी एक बहन देवकी थी।

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर माने जाते हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं ...

श्री कृष्ण ने सादींपन मुनि के आश्रम मे जाकर 64 कलाओं की शिक्षा ग्रहण की थी

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