महात्मा गांधी के सत्याग्रह के साथ नरेंद्र मोदी का स्वच्छाग्रह देखना है तो चले आइये राजघाट

मुख्य प्रवेश द्वार पर महात्मा गांधी की मूर्ति बनाई गई है। बाई ओर बने वृत्त चित्र में एक तरफ पीएम मोदी के लाल किले के भाषण को दिखाया गया है जबकि दूसरी तरफ गांधी के सत्याग्रह को।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 10:03 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 10:03 AM (IST)
महात्मा गांधी के सत्याग्रह के साथ नरेंद्र मोदी का स्वच्छाग्रह देखना है तो चले आइये राजघाट
महात्मा गांधी के सत्याग्रह के साथ नरेंद्र मोदी का स्वच्छाग्रह देखना है तो चले आइये राजघाट

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। अंग्रेजों के खिलाफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्याग्रह से प्रेरित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गंदगी के खिलाफ स्वच्छाग्रह की पूरी झलक देखना चाहते हैं तो राजघाट आइए। यहां तैयार राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र ((Rashtriya Swachhta Kendra) में इसकी सफलता के विभिन्न पड़ाव को आधुनिक आकार दिया गया है। 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से 'स्वच्छ भारत अभियान' का ऐलान व इसके जनआंदोलन में परिवर्तित होने तथा 2 अक्टूबर 2019 को लक्ष्य के 100 फीसद पूरा करने तक के सभी पहलुओं को समाहित किया गया है। इसमें देश का पहला 360 डिग्री ऑडियो-विजुअल थियेटर आकर्षण का केंद्र है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की घोषणा 10 अप्रैल, 2017 को गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी। शनिवार को उन्होंने इस केंद्र का उद्घाटन कर दिया है। हालांकि, कोरोना को देखते हुए इसे अभी आम लोगों के लिए शुरू करने पर निर्णय नहीं लिया गया है।

दीवार पर उकेरा सफर

मुख्य प्रवेश द्वार पर महात्मा गांधी की मूर्ति बनाई गई है। बाई ओर बने वृत्त चित्र में एक तरफ पीएम मोदी के लाल किले के भाषण को दिखाया गया है, जबकि दूसरी तरफ गांधी के सत्याग्रह को। इसमें अभियान का मुख्य हिस्सा बनीं महिलाएं व बच्चों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है।सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह तक द्वार पर बनाई गई पहली आकृति में महात्मा गांधी का सत्याग्रह है और उसी में मोदी के स्वच्छाग्रह को दर्शाया गया है। दूसरी आकृति में ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच को लेकर जागरूकता अभियान को दिखाया गया है। इसमें बच्चे सुबह पांच बजे उठकर खुले में शौच करने जाते बुजुर्गों को समझाते दिख रहे हैं।

पवेलियन द्वार को दिया गांधी के चश्मे का स्वरूप

स्वच्छता को दर्शाने के लिए पवेलियन के द्वार को गांधी के चश्मे का स्वरूप दिया गया है। वृहद आकार में बनाए गए इस चश्मे से आप अंदर का पूरा नजारा देख सकते हैं, जिसमें राष्ट्रपिता की स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया गया है। संजोई गई स्वच्छाग्रहियों की पहचान केंद्र के अंदर स्वच्छाग्रहियों को विशेष स्थान दिया गया है। प्रयागराज में वर्ष 2019 में हुए कुंभ के आयोजन के दौरान पीएम मोदी ने पांच स्वच्छाग्रहियों के पैर धोने के लिए जिन बर्तनों का इस्तेमाल किया उसे प्रदर्शनी के लिए रखा गया है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बेहतर काम करने वालों को भी स्थान दिया गया है।

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