पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर अपनी संस्कृत भूल गए: मालिनी अवस्थी

नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने मकर संक्रांति पर आनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाहक भारत भूषण अरोड़ा पद्मश्री मालिनी अवस्थी राजीव गांधी सुपर स्पेेशलिटी अस्पताल के पल्मोनरी विभाग के एमडी डा. विकास डोगरा आदि शामिल हुए।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 08:17 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 09:01 PM (IST)
पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर अपनी संस्कृत भूल गए: मालिनी अवस्थी
पद्मश्री गायिका मालिनी अवस्थी की फाइल फोटो

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने मकर संक्रांति पर आनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाहक भारत भूषण अरोड़ा, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, राजीव गांधी सुपर स्पेेशलिटी अस्पताल के पल्मोनरी विभाग के एमडी डा. विकास डोगरा आदि शामिल हुए। डा. विकास डोगरा ने केरोना संक्रमण के रोकथाम और बचाव विषय पर विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि इस बीमारी से भयभीत होने की जरुरत नहीं। सुरक्षा, सतर्कता और सावधानी द्वारा इससे बचा जा सकता है। 

वहीं पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने भारतीय संस्कृति और उल्लास पर्व विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। भारतीय संस्कृति में वर्णित सोलह संस्कारों का सार एवं महत्व बताते हुए उन्होने कहा कि पिछली दो-तीन पीढ़ियों से हम पाश्चात्य संस्कृति के अत्यधिक प्रभाव में आ गए। जिससे अपनी जड़ों को भूल गए। हम अपनी मूल संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं ! पश्चिम के ज्ञान को ही हम पूर्ण सत्य मानने लगे हैं। जबकि हमारी प्राचीन धरोहर ज्ञान से परिपूर्ण है, जो हमें संपूर्ण मनुष्य बनाती है।

भारत भूषण ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय संस्कृति समरसता की संस्कृति है। एक हजार सालों के दुखद इतिहास में जो बुराई हमारे समाज में आ गई है उसे खत्म कर, आगे बढ़कर हमें पुनः समरसता पूर्ण संस्कृति के तत्वों को अपनाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम को एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रो. एके भागी, सचिव डा. मनोज कुमार कैन, महामंत्री प्रो. वीएस नेगी ने भी संबोधित किया।

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