Delhi Metro में क्यूआर कोड आधारित टिकट चालू, प्लास्टिक टोकन होगा बंद; ऑनलाइन भी हो सकेगा भुगतान

Delhi Metro QR Code दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी DMRC) ने क्यूआर के जरिए यात्रा करने की सुविधा यात्रियों के लिए शुरू कर दी है। यह सेवा 8 मई से यात्रियों के लिए उपलब्ध है। यह सुविधा सभी लाइनों पर उपलब्ध है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 08 May 2023 04:07 PM (IST) Updated:Tue, 09 May 2023 10:16 AM (IST)
Delhi Metro में क्यूआर कोड आधारित टिकट चालू, प्लास्टिक टोकन होगा बंद; ऑनलाइन भी हो सकेगा भुगतान
Delhi Metro में क्यूआर कोड आधारित टिकट चालू, प्लास्टिक टोकन होगा बंद; ऑनलाइन भी हो सकेगा भुगतान

नई दिल्ली [रणबिजय सिंह]। एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए कागज का इस्तेमाल कम करने में जुटी है। सभी विभागों को कागज रहित बनाने के प्रयास हो रहे हैं।

इस बीच दिल्ली मेट्रो में सोमवार से क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट (QR Code Based Ticket) से किराया भुगतान की सुविधा शुरू की गई। इसके लिए सभी मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश व निकास के लिए दो-दो आटोमेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) गेट अपग्रेड किए गए हैं।

इसलिए यात्री अब टोकन की जगह टिकट लेकर मेट्रो में सफर कर सकेंगे। अगले कुछ माह में मेट्रो में प्लास्टिक के टोकन का चलन बंद हो जाए। इसके अलावा इस माह के अंत तक क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाइल से किराया भुगतान की सुविधा भी हो जाएगी।

खर्च को कम करने के लिए उठाया कदम

इसलिए आने वाले दिनों में स्मार्ट कार्ड, एनसीएमसी (नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड), स्मार्ट फोन के अलावा क्यूआर कोड आधारित टिकट से ही मेट्रो में किराया भुगतान की सुविधा होगी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने यह कदम प्लास्टिक के टोकन खरीदने में होने वाले खर्च को कम करने के लिए उठाया है।

साथ ही डीएमआरसी का कहना है कि इससे किराया भुगतान की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी। इस महीने के अंत तक मोबाइल आधारित क्यूआर टिकट शुरू करने का लक्ष्य है। इसके लिए मोबाइल एप को अपग्रेड करने का काम चल रहा है।

यह सुविधा शुरू होने पर यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मोबाइल से ही किराया भुगतान हो सकेगा। मौजूदा समय में एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मोबाइल से किराया भुगतान की सुविधा है।

जून तक में सभी एएफसी गेट हो जाएंगे अपग्रेड

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली मेट्रो के कुल 255 स्टेशन हैं। इन स्टेशनों पर कुल करीब 12 हजार एएफसी गेट लगाए गए हैं। जिसमें से अब तक करीब 990 एएफसी गेट को क्यूआर कोड से किराया भुगतान के लिए अपग्रेड किया जा चुका है।

डीएमआरसी का कहना है कि जून तक सभी एएफसी गेट अपग्रेड कर दिए जाएंगे। साथ ही स्टेशनों पर लगे टिकट वेंडिंग मशीन (टीवीएम) भी अप्रग्रेड की जाएंगी। इसलिए टीवीएम से टोकन की जगह क्यूआर कोड आधारित टिकट जारी होगा और टोकन को धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा।

क्यूआर कोड आधारित टिकट इस तरह होगा इस्तेमाल

1. क्यूआर कोड आधारित टिकट पर प्रस्थान और गंतव्य स्टेशन का नाम लिखा होगा। इस टिकट के सहारे यात्री सिर्फ उसी स्टेशन से प्रवेश कर सकेंगे, जिस प्रस्थान स्टेशन से टिकट जारी हुआ है। इसी तरह यात्री इस टिकट के सहारे सिर्फ गंतव्य स्टेशन से ही बाहर निकल सकते हैं। यदि किसी कारण गंतव्य स्टेशन से पहले या बाद के स्टेशन पर उतरना पड़े तो यह टिकट मान्य नहीं होगा। संबंधित यात्री को कस्टमर केयर काउंटर पर संपर्क करना होगा। कस्टमर केयर आपरेटर यात्री को एक निकास टिकट जारी करेगा। आगे के स्टेशन के लिए किराया अधिक होने पर अतिरिक्त शुल्क भुगतान करना पड़ेगा। गंतव्य स्टेशन से पहले उतरने पर यदि वहां का किराया कम हुआ तो पैसा वापस भी होगा। आपरेटर पुराने टिकट अपने पास रख लेगा।

2. किसी तकनीकी कारण से टिकट से किराया भुगतान नहीं हो पाने की स्थिति में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मेट्रो स्टेशनों पर मौजूद कस्टमर केयर आपरेटर किराया समायोजित कराएंगे।

3. यह टिकट जारी के 60 मिनट के भीतर यात्री मेट्रो में सफर कर सकेंगे। इसके बाद यह टिकट अमान्य हो जाएगा और पैसा भी वापस नहीं होगा।

4. टिकट खो जाने पर फोन में उसका फोटो लेकर रखने के बावजूद उसे वैध नहीं माना जाएगा और इसे बगैर टिकट सफर माना जाएगा। ऐसी स्थिति में जुर्माना वसूल किया जाएगा।

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