यमन के मामले में हाई कोर्ट का कैसे हो सकता है क्षेत्राधिकार : हाई कोर्ट

विदेश में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए केरल की निमिषा प्रिया को सुनाई गई मौत की सजा के मामले में हस्तक्षेप करने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।

By Vineet TripathiEdited By: Publish:Mon, 14 Mar 2022 09:35 PM (IST) Updated:Mon, 14 Mar 2022 09:35 PM (IST)
यमन के मामले में हाई कोर्ट का कैसे हो सकता है क्षेत्राधिकार : हाई कोर्ट
व्यक्ति की हत्या के अपराध में मौत की सजा मामले में महिला को बचाने काे लेकर दायर की गई याचिका

नई दिल्ली जागरण संवाददाता। विदेश में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए केरल की निमिषा प्रिया को सुनाई गई मौत की सजा के मामले में हस्तक्षेप करने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की पीठ ने पूछा कि यह यमन में हुआ है, आखिर यह इस अदालत के क्षेत्राधिकार में कैसे आता है। इस याचिका का आधार क्या है। पीठ ने इसके साथ ही मामले में केंद्र सरकार के अधिवक्ता से इस बाबत सरकार से निर्देश लेकर अदालत को सूचित करने  काे कहा। अदालत ने इसके  साथ ही सुनवाई 15 मार्च को होगीके लिए स्थगित कर दी।

याचिकाकर्ता सेवा निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल संस्था ने अधिवक्ता सुभाष चंद्रन केआर के माध्यम से याचिका दायर करके कहा कि अगर दोषी पाई गई प्रिया की तरफ से खून की कीमत मृतक के परिजन को अदा कर दिया जाए तो उसे माफी मिल सकती है।संस्था ने दलील दी कि यमन के लिए वर्ष 2016 से उड़ान प्रतिबंधित है।इसीलिए उसके प्रतिनिधि वहां नहीं जा सकते हैं।संस्था की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि अदालत केंद्र सरकार को निर्देश दे कि केंद्र अपने राजनायिक के माध्यम से यमन के अपने समकक्ष अधिकारी से बात करके खून की रकम अदा कराए ताकि सजा माफ हो जाए।सरिया कानून के तहत खून की रकम अदा करने एवं मृतक के परिवार के इसे स्वीकार करने के बाद फांसी की सजा माफ हो सकती है।

 याचिका में कहा गया है कि यमन में काम करने वाली एक भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को वर्ष 2020 में यमन नागरिक की हत्या का दोषी ठहराया गया था। प्रिया पर जुलाई 2017 में तलाल अब्दो महदी की हत्या करने का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए प्रिया ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था।हालांकि, बेहोशी के इंजेक्शन की मात्रा अधिक होने के कारण उसकी मौत हो गई थी। सात मार्च 2022 को यमन की एक अपीलीय अदालत ने निमिशा प्रिया की अपील को खारिज कर दिया।याचिका के अनुसार महिला की नौ साल की बेटी अनाथालय में रह रही है और उसकी मां केरल में घरेलू सहायिका है।वहीं उसका पति आटो रिक्शा चालक है। 

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