एयरपोर्ट पर उतरे अफगानिस्तान के लोगों ने कहा, वहां हर तरफ भय का माहौल, यहां पहुंचकर लगा रहे भारत माता की जय के नारे

अफगानिस्तान में फंसे लोगों के भारत पहुंचने का सिलसिला रविवार सुबह से दोपहर तक चलता रहा। जैसे ही टर्मिनल पर मौजूद लोगों को पता चला कि आगमन द्वार से निकलने वाले यात्री अफगानिस्तान से निकलकर यहां पहुंचे हैं लोग उन्हें घेर लेते।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 01:29 PM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 01:29 PM (IST)
एयरपोर्ट पर उतरे अफगानिस्तान के लोगों ने कहा, वहां हर तरफ भय का माहौल, यहां पहुंचकर लगा रहे भारत माता की जय के नारे
टर्मिनल पर मौजूद लोगों को पता चला कि आगमन द्वार से निकलने वाले यात्री अफगानिस्तान से निकलकर यहां पहुंचे हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अफगानिस्तान में फंसे लोगों के भारत पहुंचने का सिलसिला रविवार सुबह से दोपहर तक चलता रहा। जैसे ही टर्मिनल पर मौजूद लोगों को पता चला कि आगमन द्वार से निकलने वाले यात्री अफगानिस्तान से निकलकर यहां पहुंचे हैं, लोग उन्हें घेर लेते। इस दौरान एयरपोर्ट पर रह रहकर भारत माता की जय के नारे लगते रहे। यात्रियों का कहना था कि अफगानिस्तान में जिस तरह से हालात बदतर होते जा रहे हैं, उसे देखते हुए उन्हें उस समय की बेसब्री से प्रतीक्षा थी, जब वे अपने देश पहुंचेंगे।

ताजिकिस्तान से आए एयर इंडिया के विमान से उतरे यात्रियों ने बताया कि वे पिछले चार दिनों से ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में थे। वे पहले काबुल से दुशांबे लाए गए गए थे, लेकिन दुशांबे में जैसे जैसे दिन बीत रहे थे, घर पहुंचने की व्याकुलता बढ़ती जा रही थी। बेशक अफगानिस्तान से लोग सुरक्षित दुशांबे पहुंच गए थे, लेकिन असली खुशी तभी मिलती जब नई दिल्ली पहुंच जाएं। जब सभी नई दिल्ली के लिए विमान पर सवार हो गए तब यात्रियों ने विमान में ही भारत माता की जय के नारे शुरू कर दिए।

तालिबानियों पर नहीं किया जा सकता भरोसा

आरटीपीसीआर जांच कराने के बाद टर्मिनल से बाहर निकले यात्री दीपेन ने बताया कि अफगानिस्तान के जो हालात हैं, उसे बयां करना और समझा पाना बेहद मुश्किल है। वहां हर तरफ भय का माहौल है। वहां चिडि़यों की चहचहाहट कम, गोलियों की गड़गड़ाहट ज्यादा सुनाई देती है। अफगानिस्तान के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। वहां गोलियों की आवाजें रह रहकर सुनाई देती हैं। कई जगह सड़क पर शव भी नजर आते हैं। सड़क पर टैंक का नजर आना आम बात है। लोग तालिबानियों की बातों पर बिल्कुल भरोसा नहीं करते। सबसे बुरा हाल वहां की महिलाओं का है। पहले सड़कों पर बुर्के में कम महिलाएं नजर आती थीं, लेकिन अब बुर्के में महिलाओं का दिखना आम है।

दो बार की खुशी

यात्री विजय ने बताया कि स्वदेश वापसी की खुशी को वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते। हाल फिलहाल उन्हें दोहरी खुशी नसीब हुई है। पहली खुशी तब मिली जब वे अफगानिस्तान की धरती से सुरक्षित निकलकर शारजाह पहुंचे। उस पल को भुला पाना मुश्किल है। इसके बाद दूसरी खुशी तब मिली जब विमान ने आइजीआइ पर लैं¨डग की। काबुल के हालात के बारे में उनका कहना था कि वह शहर अभी त्रासदी के दौर से गुजर रहा है। लोग घर से निकलने से डर रहे हैं। लोगों को लगता है कि वहां घर से निकलने के तत्काल बाद ही उनका सामना तालिबान के लड़ाकों से हो जाएगा। वहां के स्थानीय लोगों के मन में अभी भी तालिबान का दो दशक पुराना रूप याद है। जो युवा हैं, उन्होंने बड़ों के मुंह से तालिबान के बारे में इतनी खौफनाक बातें सुनी हैं, कि वहां का युवा तालिबान से नफरत करता है।

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