यूपी के 300 इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों में इस साल एक भी एडमिशन नहीं

वहीं, इस साल सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की करीब 99 फीसद सीटें भर गई हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 17 Aug 2017 04:20 PM (IST) Updated:Thu, 17 Aug 2017 04:20 PM (IST)
यूपी के 300 इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों में इस साल एक भी एडमिशन नहीं
यूपी के 300 इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों में इस साल एक भी एडमिशन नहीं

नोएडा (प्रभात उपाध्याय)। उत्तर प्रदेश के तीन सौ इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों में इस साल एक भी दाखिले नहीं हुए हैं। राज्य प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) की काउंसिलिंग में किसी भी छात्र ने इन कॉलेजों में दाखिले की इच्छा नहीं जताई। इससे सूबे के इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों की बदहाली सामने आ गई है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने यूपीएसईई काउंसिलिंग से दाखिले के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं। इसके अनुसार सूबे के 694 इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों की 154000 सीटों में से काउंसिलिंग से मात्र 19636 सीटें भर पाई हैं।

300 कॉलेजों को छात्रों ने पूछा तक नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो इसके पीछे गिरती शैक्षणिक गुणवत्ता सबसे बड़ी वजह है। वहीं दाखिले के लिए डोमिसाइल की बाध्यता जैसी नीतियों को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है।

डायरेक्ट एडमिशन बना डूबते को तिनके का सहारा

एकेटीयू ने यूपीएसईई काउंसिलिंग पूरी होने के बाद कॉलेजों को अपने स्तर पर सीधे दाखिले (डायरेक्ट एडमिशन) की छूट दी थी। डायरेक्ट एडमिशन से कॉलेजों में करीब 54000 अभ्यर्थियों ने दाखिला लिया है।

अगर इसमें काउंसिलिंग के भी 19636 अभ्यर्थियों को मिला लें तो भी आधे से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। हालांकि जिन 300 कॉलेजों को काउंसिलिंग में एक भी छात्र नहीं मिला था, वहां डायरेक्ट एडमिशन से कोई दाखिला हुआ है या नहीं यह अभी साफ नहीं है।

सरकारी कॉलेजों की बल्ले-बल्ले 

एक तरफ इस सत्र में प्राइवेट इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों में छात्रों का अकाल पड़ा है, तो दूसरी तरफ सरकारी कॉलेजों की बल्ले-बल्ले है।

इस साल सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की करीब 99 फीसद सीटें भर गई हैं। कुल 4094 सीटों में से 4075 सीटें भर गई हैं। सिर्फ 19 सीटें रिक्त हैं।

बदहाली के पीछे ये हैं मुख्य वजहें

- गिरती शैक्षणिक गुणवत्ता

- अप्रशिक्षित फैकल्टी और सुविधाओं की कमी

- अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक फीस

- डोमिसाइल की बाध्यता जैसी नीतियां

- पढ़ाई के बाद प्लेसमेंट करवाने में फेल कॉलेज

वहीं, (प्रदेश समन्वयक, यूपीएसईई) प्रो. कुलदीप सहाय का कहना है कि यूपीएसईई काउंसिलिंग प्रक्रिया संपन्न हो गई है। सूबे के तीन सौ ऐसे कॉलेज हैं, जहां काउंसिलिंग से एक भी दाखिले नहीं हुए हैं।

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