सेहत को नुकसान पहुंचाने के चलते फॉक्सवैगन कंपनी पर लगा 171 करोड़ का जुर्माना

रिपोर्ट में कहा कि फॉक्सवैगन कारों से 2016 में 48.67 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन हुआ है। दिल्ली जैसे शहर में अतिरिक्त एनओएक्स से करीब 171.34 करोड़ का हेल्थ डैमेज हुआ है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 09:23 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jan 2019 07:28 AM (IST)
सेहत को नुकसान पहुंचाने के चलते फॉक्सवैगन कंपनी पर लगा 171 करोड़ का जुर्माना
सेहत को नुकसान पहुंचाने के चलते फॉक्सवैगन कंपनी पर लगा 171 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी में वायु प्रदूषण फैलाने के कारण हुए हेल्थ डैमेज को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की एक्सपर्ट कमेटी ने जर्मन ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन पर 171.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। एक्सपर्ट कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि फॉक्सवैगन की कारों से वर्ष 2016 में 48.67 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) उत्सर्जन हुआ है। दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में अतिरिक्त एनओएक्स के उत्सर्जन से करीब 171.34 करोड़ का हेल्थ डैमेज हुआ है।

क्‍या है एनओएक्स

एनओएक्स स्मॉग पैदा करने वाला प्रदूषण है, जो हृदय और फेफड़े की बीमारियों को बढ़ाता है। एनजीटी ने 16 नवंबर को विशेषज्ञों की राय जानने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी को यह पता करना था कि क्या फॉक्सवैगन ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया है।

कमेटी ने की जांच

कमेटी में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआइ) निदेशक रश्मि अर्धवर्शे, सीएसआइआर-एनईईआरआइ चीफ साइंटिस्ट डॉ. नितिन लाभसेतवार, हैवी इंडस्ट्री मंत्रालय के निदेशक रमाकांत ङ्क्षसह और सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत गरगवा शामिल हैं।

ऑटोमोबाइल एनओएक्स उत्सर्जन के सबसे बड़े स्रोत

कमेटी ने एनजीटी को बताया कि ऑटोमोबाइल एनओएक्स उत्सर्जन के सबसे बड़े स्रोत हैं। कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि भारत में फॉक्सवैगन की 3.27 लाख कार हैं और इसी के आधार पर जुर्माना लगाने की रकम तय की है। कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि शहर में वायु प्रदूषण के कारण 1.57 करोड़ का हेल्थ डैमेज हुआ है। अगर इसे वर्ष 2018 के हिसाब से देखें तो हेल्थ डैमेज 171.34 करोड़ होगा।

100 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश

कमेटी की इस रिपोर्ट पर 17 जनवरी को न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई होगी। इससे पहले पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि भारत में फॉक्सवैगन द्वारा डीजल कार में चीट डिवाइस लगाने से पर्यावरण को नुकसान हुआ है। साथ ही जर्मन कार कंपनी को केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को 100 करोड़ रुपये जमा करने के आदेश दिए थे।

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