LockDown 4.0 Migrant workers: फिर दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे प्रवासी कामगार, पढ़िए- 7 महीने की गर्भवती पूजा का दर्द

LockDown 4.0 Migrant workers दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर रोजाना सुबह प्रवासी कामगारों के जुटने का सिलसिला जारी है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 21 May 2020 07:40 AM (IST) Updated:Thu, 21 May 2020 07:40 AM (IST)
LockDown 4.0 Migrant workers: फिर दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे प्रवासी कामगार, पढ़िए- 7 महीने की गर्भवती पूजा का दर्द
LockDown 4.0 Migrant workers: फिर दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे प्रवासी कामगार, पढ़िए- 7 महीने की गर्भवती पूजा का दर्द

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली में फंसे प्रवासी कामगार अपने गृह प्रदेशों/जिलों में वापस लौटने की कोशिशों में जुटे हैं। बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर (Delhi-Ghazipur border) पहुंचे। इनमें से एक गाजियाबाद से संबंध रखने वाली कामगार पूजा का कहना है कि मेरा डेढ़ साल का बच्चा है और 7 महीने की गर्भवती हूं। मैं अपने घर जाना चाहती हूं, लेकिन पुलिस जाने नहीं दे रही है।

बता दें कि आनंद विहार बस अड्डा पर सख्ती की चलते पिछले एक सप्ताह से प्रवासी कामगार दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर के जरिये उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जाने के चाहत में चले आते हैं।

वहीं, पुलिस नियमों के तहत वापस बसों के जरिये इन्हें दिल्ली उनके घर पर भेज देती हैं। यहां पहुंच रहे प्रवासी कामगारों का कहना है कि उनके पास कमाई का कोई जरिये नहीं है, बचत खत्म हो चुकी है। ऐसे में घर वापसी ही अंतिम विकल्प बचा है। 

प्रवासियों की वापसी को आसान बनाने में जुटी दिल्ली पुलिस

वहीं, प्रवासी कामगारों को उनके घर वापस पहुंचने में मदद के लिए दिल्ली पुलिस उनके पंजीकरण से लेकर ट्रेन में सवार होने तक की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में लगी है। इसके लिए स्वयंसेवकों, पुलिस मित्र और विभिन्न एनजीओ व संगठनों के लोगों की मदद भी ली जा रही है।

प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद उन्हें मास्क और ग्लव्ज भी दिए जा रहे हैं। प्रवासियों में अधिकांश बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं, जबकि कुछ राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और जम्मू और कश्मीर के रहने वाले हैं। घर पहुंचने के लिए वैकल्पिक साधनों की तलाश में कुछ प्रवासी कामगार समूह में सीमाओं पर भी एकत्र हुए।

पुलिस ने उन्हें परामर्श देने और सरकार की सुविधाओं का लाभ उठाने की बात समझाने का प्रयास किया। इसके अलावा श्रमिक विशेष ट्रेनों से जाने वाले लोगों के रेलवे स्टेशन में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने में भी पुलिस उल्लेखनीय भूमिका निभा रही है।

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