Lok Sabha Elections: गठबंधन के तहत एक हैं AAP और कांग्रेस, पर चुनाव प्रचार दिख रहे अलग

लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन भले हो गया है लेकिन चुनाव प्रचार में दोनों पार्टियां अलग-अलग दिख रही हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने हिस्से की चार सीटों पर ही प्रचार कर रही है। कांग्रेस और आप दोनों दलों के बीच अभी तक संयुक्त प्रचार कार्यक्रम को लेकर भी कोई योजना नहीं बनी है।

By V K Shukla Edited By: Abhishek Tiwari Publish:Wed, 17 Apr 2024 08:07 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2024 08:07 AM (IST)
Lok Sabha Elections: गठबंधन के तहत एक हैं AAP और कांग्रेस, पर चुनाव प्रचार दिख रहे अलग
गठबंधन के तहत एक हैं AAP और कांग्रेस, पर चुनाव प्रचार दिख रहे अलग

HighLights

  • लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस और आप की संयुक्त टीमों का गठन नहीं हो सका है
  • नहीं बन सकी चुनाव प्रचार के लिए दोनों दलों की संयुक्त टीम
  • पहले आप ने सातों सीट पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की थी
  • मुद्दे भी हैं अलग, आप सीएम की गिरफ्तारी तो कांग्रेस महंगाई-बेरोजगारी को बना रही मुद्दा

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन भले ही हो गया है, मगर चुनाव प्रचार अलग-अलग कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनके मुद्दे भी अलग हैं। आप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को प्रमुख चुनावी मुद्दा बना रही है और इस मुद्दे को लेकर घर-घर जा रही है, मगर कांग्रेस के चुनाव प्रचार में यह मुद्दा प्रमुख नहीं है।

सिर्फ 4 सीटों पर प्रचार कर रही AAP

कांग्रेस यह तो मानती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत हुई है, मगर कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बना रही है। दोनों दलों के बीच अभी तक संयुक्त प्रचार कार्यक्रम को लेकर भी कोई योजना नहीं बनी है। आप सिर्फ अपने हिस्से की चार सीटों पर ही प्रचार कर रही है।

ये भी पढ़ें-

चुनाव प्रचार में उतरेंगी सुनीता केजरीवाल, स्टार प्रचारकों में जेल में बंद तीनों नेताओं के नाम, कोर्ट से ली जाएगी अनुमति

अभी चुनाव प्रचार में जुटे हैं भाजपा और आप के प्रत्याशी

दिल्ली की तीन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा के बाद उम्मीद की जा रही थी दिल्ली में चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा, मगर अभी ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है। अभी चुनाव प्रचार के मैदान में भाजपा और आप ही हैं। भाजपा और आप के प्रत्याशी जुटे हैं। आप के सामने एक समस्या जरूर आ रही है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से कार्यकर्ताओं और समर्थकों का मनोबल गिरा है।

यहां तक कि आप को चुनाव में चंदा देने वाले भी अब खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। गठबंधन के बैनर तले आप और कांग्रेस के चुनाव प्रचार की रणनीति अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि गठबंधन के समय इन दोनों दलों ने दावा किया था कि जल्द ही चुनाव प्रचार को लेकर संयुक्त टीम बनेगी और मिलकर प्रचार करेंगे। यहां तक कि रैलियां भी मिलकर करने की बात कही गई थी।

आप ने सातों सीट पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की थी

काफी प्रयास के बाद इस लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सका है। यह गठबंधन भी उस स्थिति में हुआ है, जब आप ने दिल्ली की सभी सातों सीटों पर प्रत्याशियों को उतारने की घोषणा कर दी थी। यह भी कहा था कि प्रत्याशियों की घोषणा में देरी से हो रहे नुकसान के चलते अब और समय नहीं लिया जा सकता है।

आप ने कांग्रेस के लिए यहां तक कहा था कि आइएनडीआइ गठबंधन में हैं, इसलिए एक टिकट दे देंगे। आप ने धीरे से यह बात की भी कह दी थी कि अगर कांग्रेस गठबंधन में साथ आती है, तो उसका इंतजार रहेगा। यह बात कांग्रेस की समझ में आई और इसके बाद जल्द ही दोनों के बीच गठबंधन हो गया। जिसमें दिल्ली की चार सीटें आप और तीन सीटें कांग्रेस को मिलीं।

चुनाव प्रचार के लिए आप का जल्द ही संयुक्त टीम गठित करने का दावा

आप अपने हिस्से की चार सीटों पर कांग्रेस से पहले ही प्रत्याशी उतार चुकी थी। आप की रणनीति प्रत्याशियों को हर गली-मोहल्ले तक पहुंचा दें। दिल्ली संयोजक और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय कहते हैं कि कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी जब प्रत्याशी ही घोषित नहीं हुए थे, तो संयुक्त रणनीत कैसे बनती।

अभी हम अपनी चार सीटों पर ही फोकस कर रहे है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि प्रचार के लिए जल्दी ही दोनों दलों की संयुक्त टीम बनेगी।

chat bot
आपका साथी