LG ने दिया दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ FIR का आदेश, 20 करोड़ के घोटाले का है आरोप

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) ने जल बोर्ड में हुए 20 करोड़ रुपये के घोटाले में कुछ अधिकारियों पर मामला दर्जन करने का आदेश दिया। यह आदेश मुख्य सचिव को दिया गया है।

By V K ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Sep 2022 01:55 PM (IST) Updated:Sat, 24 Sep 2022 01:55 PM (IST)
LG ने दिया दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ FIR का आदेश, 20 करोड़ के घोटाले का है आरोप
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Borad) में हुए 20 करोड़ रुपये के घोटाले में कुछ अधिकारियों पर शिकंजा कसने जा रहा है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के मामला दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है। 

15 दिन में एलजी को सौपनी है रिपोर्ट

आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में 20 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इसी मामले में एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को मामला दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही एलजी ने मुख्य सचिव से 15 दिन के बीत आदेश के बाबत कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है।

बैंक कर्मियों के भी शामिल होने का शक

आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड में यह घोटाला वर्ष 2012 से शुरू हुआ था। इस दौरान दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। इसके आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो नियमत: सीएम अरविंद केजरीवाल के अध्यक्ष बने। यह भी कहा जा रहा है कि  20 करोड़ रुपये के इस घोटाले में कुछ बैंककर्मी भी शामिल हैं।

निजी खाते में गए पानी बिल के 20 करोड़ 

दिल्ली जल बोर्ड में  20 करोड़ रुपयों की गड़बड़ी को लेकर काफी समय से भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी सरकार को घेर रही थी। आरोप है कि इस गड़बड़ी में न केवल दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी शामिल रहे, बल्कि एक निजी कंपनी एवं बैंक का भी नाम सामने आया है। 

यह भी जानें

दिल्ली जल बोर्ड के इस घोटाले में पानी का बिल जल बोर्ड की जगह एक निजी बैंक खाते में भेजा गया। आरोप है कि 11 जुलाई 2012 से लेकर 10 अक्टूबर 2019 के बीच रुपये जमा कराने में 20 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई। बैंक ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से मिलीभगत कर तय नियमों का उल्लंघन करते हुए एक निजी कंपनी को बिल एकत्रित करने के अलावा उसे दिल्ली जल बोर्ड के खाते में जमा कराने की जिम्मेदारी भी दी थी। जून 2012 में दिल्ली जल बोर्ड ने एक बैंक को तीन साल तक पानी का बिल एकत्रित करने के लिए अधिकृत किया था। बावजूद इसके 2016 और 2017 में भी उन्हें इस काम को जारी रखने के लिए कहा गया। 
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