मोटापे से मुक्ति के लिए बनाएं ट्रांस फैट से दूरी, पढ़िए डायटिशियन विशेषज्ञ अनुजा गौर के टिप्स

द्वारका सेक्टर-3 स्थित आकाश अस्पताल में डायटिशियन विशेषज्ञ अनुजा गौर ने बताया कि वनस्पति तेलों का अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने के लिए तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है और इस प्रकार ट्रांस फैट का निर्माण होता है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 09:53 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 09:53 PM (IST)
मोटापे से मुक्ति के लिए बनाएं ट्रांस फैट से दूरी, पढ़िए डायटिशियन विशेषज्ञ अनुजा गौर के टिप्स
द्वारका सेक्टर-3 स्थित आकाश अस्पताल में डायटिशियन विशेषज्ञ अनुजा गौर।

नई दिल्ली, मनीषा गर्ग। अव्यवस्थित जीवनशैली के चलते हमारे खान-पान में ट्रांस फैट युक्त खाद्य पदार्थों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, जिसके कारण हृदय रोग से जुड़ी व मधुमेह की समस्या काफी बढ़ गई है। द्वारका सेक्टर-3 स्थित आकाश अस्पताल में डायटिशियन विशेषज्ञ अनुजा गौर ने बताया कि वनस्पति तेलों का अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने के लिए तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है और इस प्रकार ट्रांस फैट का निर्माण होता है।

पैक खाद्य सामग्री जैसे बिस्कुट, चिप्स, नमकीन, और होटल व रेहड़ी पर बिकने वाली खाद्य सामग्री जैसे फ्रेंच फ्राइज, गोल-गप्पे, पपड़ी चाट, समोसा, कचौरी, स्प्रिंग रोल, पकौड़े, मंचूरियन, मिठाई, पैटी आदि सभी को तैयार करने में वनस्पति घी का प्रयोग होता हैं। ये वनस्पति घी ट्रांस फैट का प्रमुख स्त्रोत है। असल में खाद्य सामग्री को अधिक कुरमुरा बनाने और अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए वनस्पति घी का प्रयोग किया जाता है। फैट यानि वसा शरीर का क्रियाशील बनाए रखने में सहयोग करता है, पर शरीर में अत्यधिक वसा का बढ़ जाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

यह शरीर में जाकर खराब कैलेस्ट्रोल को बढ़ा देता है और धमनियों में जाकर जम जाता है। धमनियों में जमने के कारण रक्त का प्रवाह रुक जाता है, ऐसी स्थिति में हृदय को अपनी क्षमता से अधिक काम करना पड़ता है। हृदय पर पड़े इस दवाब के चलते हृदय रोग की समस्या कई गुना बढ़ चुकी है। एक ही तेल का बार-बार तलने में प्रयोग करने के कारण भी ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है।

अनुजा गौर ने बताया कि ट्रांस फैट एक गंभीर विषय हैं, तभी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2023 तक खाद्य पदार्थों में से ट्रांस फैट को हटाने का लक्ष्य तय किया है। शरीर से ट्रांस फैट को कम करने के लिए लोगों को चाहिए कि वे बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। भूख लगने पर हमारा ध्यान बैकरी व तले भूने खाद्य पदार्थों की तरफ आकर्षित होता है जो गलत है।

इनकी जगह घर में बने स्नैक्स को प्राथमिकता दे। खाने में सलाद व फलों का सेवन अधिक से अधिक होना चाहिए, क्योंकि उनमें फाइबर की मात्रा अधिक है और उससे ट्रांस फैट को शरीर से कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा नियमित रूप से कसरत व व्यायाम बेहद जरूरी है। साथ ही अधिक से अधिक पानी का सेवन भी एक बेहतरीन विकल्प है, ताकि पेशाब के माध्यम से ट्रांस फैट शरीर से निकल सके। यदि हम इन आदतों को जीवनशैली का हिस्सा बनाते है तो इससे मोटापे व मधुमेह की समस्या से भी दूर रह सकते हैं।

chat bot
आपका साथी