अरुण जेटली की मां के साथ 3 महीने तक रामायण पढ़ने वाले BJP नेता का अहम खुलासा

1972 में अरुण जेटली श्रीराम काॅलेज और पूर्व विधायक नरेश गौड़ श्याम लाल कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। अध्यक्ष रहते ही दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 24 Aug 2019 02:49 PM (IST) Updated:Sun, 25 Aug 2019 01:59 PM (IST)
अरुण जेटली की मां के साथ 3 महीने तक रामायण पढ़ने वाले BJP नेता का अहम खुलासा
अरुण जेटली की मां के साथ 3 महीने तक रामायण पढ़ने वाले BJP नेता का अहम खुलासा

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली कॉलेज समय से ही छात्र संघ राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने न केवल अपनी बेबाक शैली से लाखों दिलों पर राज किया, बल्कि वह अपने व्यक्तित्व के चलते युवाओं के आइडल भी रहे। बहुत से छात्र उनसे प्रभावित होकर छात्र राजनीति में आए। 1972 में अरुण जेटली श्रीराम काॅलेज और पूर्व विधायक नरेश गौड़ श्याम लाल कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। अध्यक्ष रहते ही दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई और किसी न किसी काम से अकसर मिलने लगे।

नरेश गौड़ ने बताया कि वह भाजपा से बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे हैं। जेटली ने ही 1993 में उन्हें विधायकी का टिकट दिलवाया था और उनके लिए प्रचार भी किया। इतना ही नहीं जेटली ने चुनाव में उनके लिए पैसा भी खर्च किया।

नरेश गौड़ ने कहा कि जेटली न होते तो शायद ही वह कभी विधायक बन पाते। जब भी दिल्ली विधानसभा का चुनाव होता था जेटली बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने के लिए आते थे। उन्हें सुनने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ जुटती थी, क्योंकि उनके बोलने का अंदाज लोगों को उनका दिवाना बना दिया करता था। उन्होंने कहा कि जेटली का दुनिया से जाना भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति है, उनके जाने से वह अनाथ से हो गए हैं।

डूसू चुनाव में संभाली थी प्रचार की कमान

नरेश गौड़ ने बताया कि अरुण जेटली ने 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय (डूसू) अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। जेटली ने चुनाव प्रचार की कमान गौड़ को सौंपी थी। दिन में पोस्टर तैयार करने के साथ कॉलेजों में जाकर छात्रों से मिलते और रात में सड़कों पर पोस्टर लगाते थे।

अरुण जेटली की माता के साथ तीन महीने पढ़ी रामायण

नरेश गौड़ ने बताया कि अरुण जेटली दिल्ली के नारायणा में अपने परिवार के साथ रहते थे। आपातकाल में अरुण जेटली को सजा हुई थी, वह तिहाड़ जेल और अंबाला की जेल में बंद रहे थे। नरेश गौड़ आपातकाल समाप्त होने के अंतिम तीन महीने अरुण जेटली के घर पर छिपकर रहे। रात को जेटली के घर पर सोते और दिन में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जाकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ अभियान चलाते। उन्होंने बताया कि जेटली की माता रतन प्रभा और उन्होंने तीन महीने तक रोजाना एक साथ बैठकर रामायण पढ़ी। रतन प्रभा उनके लिए खाना बनाया करती थीं। आपातकाल खत्म होने के बाद भी अनेक बार वह जेटली से मिलने के लिए उनके घर गए और साथ में भोजन किया।

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