Kisan Andolan: संयुक्त किसान माेर्चा का ऐलान, चुनावी राज्यों में भाजपा के खिलाफ जनता के बीच जाएंगे
Kisan Andolanतीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा धरना प्रदर्शन जारी है। ठंडे पड़ रहे आंदोलन को किसान नेता एक बार फिर से तेज करने के लिए रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। इसी को लेकर मंगलवार को किसान संगठन के नेताओं की कुंडली बॉर्डर पर बैठक हुई।
नई दिल्ली/सोनीपत, जेएनएन। संयुक्त किसान माेर्चा ने 15 मार्च तक के कार्यक्रम तय किए। छह मार्च को केएमपी को पांच घंटे तक रोकने के अलावा जिस राज्य में चुनाव है, वहां मोर्चा के सदस्य जाकर भाजपा व उसकी सहयोगी पार्टी का विरोध करेंगे। इसकी शुरुआत कोलकाता से होगी। 12 मार्च को कोलकाता में एक किसान रैली आयोजित की जा रही है, जिसमें मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य जाएंगे और वहां के लाेगों से भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की जाएगी। उसी दिन मोर्चा की ओर से पश्चिम बंगाल के सभी 294 विस क्षेत्रों के लिए एक-एक वैन भी रवाना होगी, जो यहां के किसानों की अपील को लेकर वहां के वोटरों के बीच जाएंगे।
आंदोलन के तीसरे चरण की शुरुआत 5 मार्च को कर्नाटक से की जाएगी। वहां के गुलबर्गा की मंडी में किसान सरकार से एमएसपी की मांग करते हुए एमएसपी दिलाओ अभियान की भी शुरुआत होगी। ट्रेड यूनियनों की ओर से कारपोरेटाइजेशन व प्राइवेटाइजेशन के विरोध में 15 मार्च को किए जा रहे प्रदर्शन में संयुक्त किसान माेर्चा भी शामिल होगा।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा धरना प्रदर्शन जारी है। ठंडे पड़ रहे आंदोलन को किसान नेता एक बार फिर से तेज करने के लिए रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। इसी को लेकर मंगलवार को किसान संगठन के नेताओं की कुंडली बॉर्डर पर बैठक हुई। ये बैठक संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रही है। बैठक में संत किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य बलवीर सिंह राजेवल, योगेंद्र यादव, डॉ दर्शन पाल, बलदेव सिरसा, राकेश टिकैत आदि मौजूद है।
उधर आंदोलन के कारण हो रहे नुकसान को देखते हुए सोमवार को किसान सड़क पर उतर आए थे। दिल्ली के गांव झाड़ौदा कलां के किसानों ने बार्डर खुलवाने की मांग करते हुए सुबह 10 बजे नजफगढ़-बहादुरगढ़ रोड स्थित मुंगेशपुर ड्रेन पुल पर चार घंटे जाम लगाया और नारेबाजी भी की थी। इस दौरान उनके निशाने पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत थे। उनका कहना था कि राकेश टिकैत की वजह से ही हम नुकसान सहने को मजबूर हैं। प्रदर्शन में शामिल मौजीराम ने बताया कि इस मसले पर झाड़ौदा कलां गांव को दिल्ली के सभी गांवों का समर्थन प्राप्त है।
जाम के कारण हरियाणा-दिल्ली के बीच आवाजाही बाधित होने से लंबा जाम लग गया। वाहन चालक खेतों के रास्ते दिल्ली की ओर आ-जा रहे थे। इस बीच दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को आश्वस्त किया कि तीन दिन बाद बार्डर खोल दिया जाएगा। इसके बाद दोपहर दो बजे किसानों ने जाम हटाया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि तीन दिन बाद बार्डर नहीं खोला गया तो वे खुद बार्डर खोल देंगे।