पढ़िए- कैसे कमरा नंबर 109 ने होटल अर्पित पैलेस को बना डाला श्मशान घाट

होटल में लगी आग को शॉर्ट सर्किट से जोड़ा जा रहा है, लेकिन जांच में पता चला है कि होटल के फर्स्ट फ्लोर पर कमरा नंबर 109 के एसी में आग लगी थी, जिसके बाद इसने पूरे होटल को चपेट में ले लिया।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 12:40 PM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 09:42 AM (IST)
पढ़िए- कैसे कमरा नंबर 109 ने होटल अर्पित पैलेस को बना डाला श्मशान घाट
पढ़िए- कैसे कमरा नंबर 109 ने होटल अर्पित पैलेस को बना डाला श्मशान घाट

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के करोल बाग स्थित चार मंजिला होटल अर्पित पैलेस में लगी आग के 7 घंटे बाद 17 लोगों की मौत हो चुकी है, कुछ लोग अब भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। खबर लिखे जाने तक कुछ अन्य लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही थी। इन्हें दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। मरने वालों में ज्यादातर लोग दिल्ली आए टूरिस्ट व अन्य लोग थे। म्यांमार और कोच्चि से आए लोग भी इनमें शामिल हैं। 

होटल में लगी आग को शॉर्ट सर्किट से जोड़ा जा रहा है, लेकिन प्राथमिक जांच में पता चला है कि होटल के फर्स्ट फ्लोर पर कमरा नंबर 109 के एसी में आग लगी थी, जिसके बाद इस आग ने पूरे होटल को चपेट में ले लिया।

दम घुटने से हुई ज्यादातर की मौत

होटल में आग लगने के बाद ज्यादातर मौतें धुएं से दम घुटने के कारण हुई हैं। होटल के एसी कमरों की खिड़कियां (शीशे की विंडो) पैक थीं, जिस वजह से धुआं बिल्डिंग से बाहर नहीं निकल पाया। माना जा रहा है कि दम घुटने की वजह से वे लोग बेसुध होकर लपटों की चपेट में आए।

छत से कूदे पर नहीं बचा पाए जान

गहरी नींद में होने की वजह से होटल में ठहरे गेस्ट धुएं और आग की चपेट में आते गए, हालांकि अस्पताल पहुंचे कई शव जली हालत में भी मिले। आग लगने के बाद दहशत में चार-पांच लोगों ने होटल की इमारत की छत से छलांग लगा दी, जिनमें से दो की मौत हो गई।

होटल प्रबंधन की सामने आई लापरवाही

पता चला है कि होटल अर्पित पैलेस में फायर सेफ्टी के इंतजामात नहीं के बराबर थे। गेस्ट हाउस और होटल में प्रवेश के लिए अलग रास्ता उपलब्ध होना चाहिए, लेकिन वहां ऐसा नहीं किया गया था। होटल के कमरों में सारी खिड़कियां एसी के चलते बंद थी और जाम भी हो चुकी थीं। यही वजह थी कि दमकल कर्मी सीढ़ियों से कमरों की खिड़कियां तोड़कर दाखिल हुए और वहीं से लोगों को बाहर निकाला गया। 

कुछ दिनों में नीलाम होने वाला था ये होटल

बताया जा रहा है कि पहाड़गंज और करोलबाग में जितने भी होटल हैं वे किसी स्टार कैटिगरी में नहीं आते हैं। ये गेस्ट हाउस ही हैं। सराय एक्ट के तहत पहले इनके लाइसेंस बने थे, जिसमें कमर्शियल एक्टिविटी नहीं थी। उसके बाद निगम ने कुछ नियम बनाए, फिर 2007 में भूरे लाल कमेटी ने मास्टर प्लान में बताया कि गेस्ट हाउस में कमर्शियल एक्टिविटी नहीं होनी चाहिए। बावजूद इसके का उल्लघंन करते हुए होटल चल रहा था। इस होटल का मालिक राकेश गोयल दिवालिया घोषित हो चुका है और 31 को होटल की नीलामी होने वाली थी। 

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