जानिये- कहां पर बना है देश का सबसे लंबा एस्केलेटर, कितनी है इसकी लंबाई

जानकारी के मुताबिक, जनकपुरी वेस्ट में इंटरचेंज की सुविधा होगी।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 16 May 2018 11:04 AM (IST) Updated:Thu, 17 May 2018 03:16 PM (IST)
जानिये- कहां पर बना है देश का सबसे लंबा एस्केलेटर, कितनी है इसकी लंबाई
जानिये- कहां पर बना है देश का सबसे लंबा एस्केलेटर, कितनी है इसकी लंबाई

नई दिल्ली (जेएनएन)। मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने जनकपुरी पश्चिम और कालकाजी मंदिर के बीच 25.6 किलोमीटर लंबे मार्ग पर यात्री सेवाएं शुरू करने की अनिवार्य मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब इस मेट्रो खंड पर जल्द ही सेवा शुरू हो जाएगी। इस रूट पर कई ऐसी खूबियां हैं, जो इसे विशेष बनाती हैं। जानकारी के मुताबिक, जनकपुरी वेस्ट में इंटरचेंज की सुविधा होगी। खास बात यह है कि यहां पर लगा एस्केलेटर देश का अब तक का सबसे लंबा एस्केलेटर होगा।

बताया जा रहा है कि इस एस्केलेटर की लंबाई 15.6 मीटर होगी जो मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से ज्यादा है, जिसकी लंबाई 11.6 मीटर है। ऐसे में दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर स्थित इस एस्केलेटर की लंबाई देश में सबसे अधिक होगी।

आइये जानते हैं मजेंटा लाइन की कुछ और खूबियां

1. ट्रेन का चलना, रुकना, स्पीड पकड़ना, ब्रेक लगाना, दरवाजों का खुलना और बंद होना, साथ ही इमरजेंसी हालात को कंट्रोल करना सब कुछ आटोमैटिक (स्वतः) होगा।

2. मेट्रो ट्रेन के सामने में कैमरा होगा। यह कैमरा ट्रेन के आगे की पूरी तस्वीर लाइव कंट्रोल रूम में दिखाएगा।

3. ट्रेन के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे की लाइव स्ट्रीमिंग कंट्रोल रूम में होगी। इसी तरह कंट्रोल रूम से भी ट्रेन के भीतर लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग के जरिए संपर्क किया जा सकता है।

4. मेट्रो ट्रेन में चालक नहीं होने की सूरत में LED स्क्रीन के जरिए लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग की जाएगी।

5. ओडीडी डिवाइस ट्रैक पर लगे होंगे, जो ट्रैक पर आने वाली किसी छोटी रुकावट को हटाकर ट्रेन को पटरी से उतरने यानी डीरेल होने से बचाएगा।

6. पूरी की पूरी ट्रेन ट्रांसपोर्ट करके भारत लाई गई हैं, जबकि 81 में से शुरुआती 20 ट्रेनों को साउथ कोरिया में बनाया गया है।

7. यह मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिसके तहत 61 ट्रेनें भारत में ही बनाई जा रही हैं, जो बेंगलुरु में तैयार हो रही हैं।

8. 81 में से 52 ट्रेन लाइन नंबर 7 पर और 29 ट्रेन लाइन नंबर 8 पर चलाई जाएंगीं।

9. मजेंटा लाइन के प्लेटफार्म पर प्रवेश के लिए 12 प्रवेश द्वार बनाए गए है। मुसाफिरों को बाहर जाने के लिए ब्लू लाइन के गेटों का प्रयोग करना होगा।

10. नौ स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा प्लेटिनम के तौर पर प्रमाणित किया गया है।

 11. इन नौ स्टेशनों की छत पर 908 किलोवाट के सौर संयंत्र लगाए गए हैं।

12. मजेंटा लाइन की मेट्रो भी ब्लू लाइन की तुलना में काफी अलग है। सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक कोच में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

13. प्रत्येक के कोच के बाहर दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। स्टैंडर्ड गेज पर संचालित होगी मजेंटा लाइन
डीएमआरसी की यह पहली मेट्रो लाइन है, जो स्टैंडर्ड गेज पर आधारित है। यह ट्रैक ब्लू लाइन से अलग है।

14. दुनिया में अभी तक 3 हजार किलोमीटर के ट्रैक पर सीबीसीटी तकनीकी पर आधारित चालक रहित मेट्रो चल रही है। देश में यह पहला प्रयोग है। जहां चालक रहित मेट्रो है।

15. रूट के सभी नौ मेट्रो स्टेशन इको फ्रेंडली बनाए गए हैं। स्टेशनों पर पानी की कम खपत के लिए फिक्स्चर जैसे ड्यूल फ्लश कम बहाव वाले नल, पानी रहित टॉयलेट बनाए गए हैं।

16. जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन के लिए पिट बनाया गया है। इससे भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

17. चालक रहित मेट्रो ट्रेन की खूबियों की बात करें तो यह एक एडवांस टेक्नोलाजी है और दुनियाभर में तेजी से इस्तेमाल की जा रही है।

18. भारत ऐसा सातवां देश होगा, जहां इस ड्राइवरलेस ट्रेन की शुरुआत हुई है।

19. ड्राइवरलेस ट्रेन से मतलब कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से है, जिसमें ट्रैक पर चलने वाली सभी ट्रेनें आपस में और कंट्रोल रूम से डिजिटल रेडियो कम्यूनिकेशन के जरिए एक दूसरे से जुड़ी होती हैं।

20. चालक रहित सभी ट्रेनें 6 कोच वाली हैं और सीबीटीसी यानी ड्राइवरलेस ऑपरेशन तकनीकी से लैस हैं।

21. इस तरह की ट्रेनों में चालक का केबिन नहीं होगा, इसलिए करीब 40 ज्यादा मुसाफिर सफर कर पाएंगे।

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