दिल्ली से अयोध्या तक श्रीराम पदयात्रा आज से शुरू, 635 किलोमीटर की दूरी 41 दिनों में होगी तय

इस्कॉन की तरफ से दस दिसंबर को भक्ति एवं सेवा का संदेश प्रसार करने के लिए दिल्ली से अयोध्या तक “श्रीराम पदयात्रा” शुरू की जाएगी। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में मंदिर खुलने से पहले इस्कॉन भगवान श्रीराम की शिक्षाओं को हर घर तक पहुंचाने के लिए अयोध्या और देश के अन्य हिस्सों में कार्यक्रमों की एक श्रृखंला आयोजित आयोजित कर रहा है।

By shani sharmaEdited By: Publish:Sun, 10 Dec 2023 12:23 AM (IST) Updated:Sun, 10 Dec 2023 08:02 AM (IST)
दिल्ली से अयोध्या तक श्रीराम पदयात्रा आज से शुरू, 635 किलोमीटर की दूरी 41 दिनों में होगी तय
दिल्ली से अयोध्या तक श्रीराम पदयात्रा शुरू करेगा इस्कॉन, 42 दिन में तय होगी 635 किमी की यात्रा

HighLights

  • श्रीराम पदयात्रा 10 दिसंबर को इस्कॉन मंदिर से होगी शुरू।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। इस्कान की तरफ से भक्ति एवं सेवा का संदेश प्रसार करने को रविवार को दिल्ली से अयोध्या तक ‘श्रीराम पदयात्रा’ शुरू की जाएगी। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में मंदिर खुलने से पहले भगवान श्रीराम की शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने के लिए अयोध्या और देश के अन्य हिस्सों में कार्यक्रमों की शृंखला आयोजित कर रहा है।

इस्कान कम्यूनिकेशन भारत के निदेशक वृजेंद्र नंदन दास ने बताया कि रविवार सुबह 10:30 बजे ईस्ट आफ कैलाश स्थित इस्कान मंदिर से पदयात्रा शुरू होगी। एक बैलगाड़ी में श्रीराम बिराजेंगे और साथ-साथ श्रद्धालु चलेंगे। अयोध्या की 635 किलोमीटर की दूरी 41 दिनों में तय होगी। रास्ते में गांवों और कस्बों में 41 पड़ाव होंगे। इस आयोजन में भारत, रूस, मारीशस और अन्य देशों के श्रद्धालु कीर्तन करते हुए चलेंगे।

उद्घाटन केंद्रीय राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और इस्कान के वरिष्ठ साधुओं की मौजूदगी में होगा। अयोध्या में 20 जनवरी 2024 से 26 फरवरी तक इस्कान प्रतिदिन पांच हजार तीर्थ यात्रियों के लिए मुफ्त दोपहर का भोजन प्रसाद, अंतरराष्ट्रीय भक्तों द्वारा अयोध्या की गलियों-सड़कों पर संकीर्तन और तीर्थ यात्रियों के लिये मुफ्त चिकित्सा शिविर की स्थापना करेगा।

देश की सत्ता पर दिल्ली की जगह हो अयोध्या का वर्चस्व

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश की सत्ता पर दिल्ली की जगह अयोध्या का वर्चस्व होना चाहिए। मुगलकाल से ही दिल्ली सत्ता के केंद्र में रहा है। यह स्थिति अब बदलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या की सत्ता का मतलब "राम" केंद्र में हो। सत्ता में लोकतंत्र, त्याग, करूणा और जीवन दर्शन का श्रेष्ठ मूल्य हो।

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