IRCTC Scam : पटियाला हाउस कोर्ट से लालू यादव को मिली सशर्त जमानत

आइआरसीटीसी घोटाला में राबड़ी देवी व बेटे तेजस्वी यादव को जमानत मिल चुकी है। हालांकि, अदालत ने आदेश दिया कि बगैर पूर्व जानकारी के लालू न तो देश छोड़ेंगे और न ही सुबूतों से छेड़छाड़ करेंगे।

By Edited By: Publish:Sat, 19 Jan 2019 08:33 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 10:30 AM (IST)
IRCTC Scam : पटियाला हाउस कोर्ट से लालू यादव को मिली सशर्त जमानत
IRCTC Scam : पटियाला हाउस कोर्ट से लालू यादव को मिली सशर्त जमानत

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) द्वारा भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) घोटाला मामले में दर्ज मुकदमे में आरोपित पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ी राहत मिली। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने लालू प्रसाद यादव को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी।

इससे पहले लालू यादव को इस मामले में अंतरिम जमानत मिली थी। वहीं, इस मामले में लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी व बेटे तेजस्वी यादव को जमानत मिल चुकी है। हालांकि, अदालत ने आदेश दिया कि बगैर पूर्व जानकारी के लालू न तो देश छोड़ेंगे और न ही सुबूतों से छेड़छाड़ करेंगे।

इसके साथ ही अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग के मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी व बेटे तेजस्वी यादव की अंतरिम जमानत 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। अदालत 28 जनवरी को ही इस मामले में लालू यादव समेत अन्य की नियमित जमानत याचिका पर भी फैसला सुनाएगी। जमानत को लेकर इससे पहले लालू यादव व जांच एजेंसी के वकीलों के बीच जमकर बहस हुई। सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव ने अपने वकील के माध्यम से अदालत से कहा कि जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था, इसलिए उन्हें नियमित जमानत दी जानी चाहिए।

लालू यादव ने यह भी कहा कि समन पर वह अदालत में पेश हुए थे और चूंकि जांच के दौरान उन्हें हिरासत में लेने की मांग नहीं की गई थी, ऐसे में उन्हें कस्टडी में रखने की कोई जरूरत नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज ईडी सीज कर चुकी है और अब कुछ भी ऐसा नहीं है, जो ईडी को चाहिए। लालू यादव ने कहा कि उन पर ऐसा कोई आरोप नहीं है कि उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की हो या फिर सुबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की हो।

वहीं, ईडी ने कहा कि सिर्फ जांच के दौरान आरोपित को गिरफ्तार न करना समन के बाद उसे जमानत देने का आधार नहीं हो सकता। ईडी ने कहा कि आरोपित सुबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और चश्मदीदों को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि कुछ उनके कर्मचारी भी हैं। कर्मचारियों से भी अभी पूछताछ करना है। ईडी ने कहा कि सभी आरोपित वर्तमान में मनी लां¨ड्रग मामले में जमानत पर बाहर हैं।

बता दें कि सीबीआइ ने 16 अप्रैल 2018 को लालू प्रसाद यादव व अन्य के खिलाफ आइआरसीटीसी होटल लीज मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें लालू प्रसाद यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव सहित 14 अन्य को आरोपित बनाया गया था। यह मामला उस वक्त का है, जब लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे और उन पर अपने पद का नाजायज लाभ उठाने का आरोप है।

सीबीआइ की तरफ से दर्ज केस के मुताबिक आइआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का ठेका लालू प्रसाद यादव ने बेहद कम कीमत पर विनय और विजय कोचर के स्वामित्व वाली एक बेनामी कंपनी और डिलाइट मार्के¨टग कंपनी के स्वामित्व वाली एक कंपनी को दिलाया था। इन कंपनियों में पूर्व मंत्री प्रेम चंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता की भी भागीदारी है।

सीबीआइ की तरफ से दायर आरोप पत्र में यादव परिवार के अलावा पूर्व मंत्री प्रेम चंद गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता, आइआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बीके अग्रवाल, पीके गोयल, राकेश सक्सेना सहित अन्य आरोपित नामजद हैं। जुलाई 2017 में सीबीआइ द्वारा केस दर्ज करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लां¨ड्रग एक्ट के तहत अलग से केस दर्ज किया था।

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