प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज दिलाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट से ऐसे की जा रही थी ठगी, 1500 से किया गया संपर्क

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बेरोजगार युवकों को कर्ज दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया है। पुलिस ने गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी इंद्रजीत पांडेय दिल्ली के मंडोली निवासी अमित कुमार को गिरफ्तार किया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 11:34 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 11:34 AM (IST)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज दिलाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट से ऐसे की जा रही थी ठगी, 1500 से किया गया संपर्क
गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित कार्यालय में संचालित हो रहा था गिरोह।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बेरोजगार युवकों को कर्ज दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया है। पुलिस ने गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी इंद्रजीत पांडेय, दिल्ली के मंडोली निवासी अमित कुमार को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से सात मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव आदि बरामद हुए हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपितों ने गत दो माह में सैकड़ों लोगों से 10 लाख की ठगी की है। इनमें अधिकतर दिल्ली-एनसीआर के रहने वाले हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक सितंबर को इस मामले में शिकायत दर्ज की गई थी। जांच पता चला कि गिरोह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ठगी कर रहे हैं। यह गिरोह गाजियाबाद के वसुंधरा से चल रहा है। एसीपी मयंक बंसल की देखरेख में पुलिस टीम ने वसंधुरा सेक्टर-9 स्थित आरोपितों के कार्यालय में छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया।

1500 लोगों से ठगने की कोशिश की

पूछताछ में पता चला कि दोनों दिल्ली के लक्ष्मी नगर स्थित एक काल सेंटर में काम करते थे। जनवरी 2021 में इंद्रजीत ने लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का झांसा देकर ठगने की साजिश रची। इसके लिए उसने वसुंधरा में किराये पर कार्यालय खोला था। आरोपितों ने फर्जी वेबसाइट बनाया और उसमें अपना नंबर पंजीकृत किया। कोई भी व्यक्ति वेबसाइट पर कर्ज लेने के लिए आवेदन करता तो उसकी पूरी जानकारी इंद्रजीत के पास आ जाती।

इसके बाद आरोपित उनसे संपर्क करते थे। जांच में पता चला कि आरोपितों ने 1500 लोगों से सपर्क किया था। जिसमें से सैकड़ों लोग आरोपितों के झांसे में आकर हजारों रुपये कर्ज लेने के लिए शुल्क कि रूप में दे दिए। अब तक की जांच में 10 लाख की ठगी का पता चला है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह आंकड़ा और बड़ा भी हो सकता है।

chat bot
आपका साथी