Delhi Violence: सलमान खुर्शीद बोले, पहली जिम्‍मेदारी मानवीय सहायता पहुंचाना

दिल्‍ली में हुई हिंसा के बीच कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी एक दूसरे पर चिल्लाकर आग को जोड़ना स्पष्ट रूप से जवाब नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 12:50 AM (IST)
Delhi Violence: सलमान खुर्शीद बोले, पहली जिम्‍मेदारी मानवीय सहायता पहुंचाना
Delhi Violence: सलमान खुर्शीद बोले, पहली जिम्‍मेदारी मानवीय सहायता पहुंचाना

नई दिल्‍ली, एएनआइ। दिल्‍ली में हुई हिंसा के बीच कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी एक दूसरे पर चिल्लाकर आग को जोड़ना स्पष्ट रूप से जवाब नहीं है। पहली जिम्‍मेदारी मानवीय सहायता करना है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि जहां कहीं भी आग लगी है, उसे जल्दी और प्रभावी तरीके से बुझाया जाए।  

Salman Khurshid, Congress: I think right now adding to the fire by screaming at each other is frankly not the answer. First responsibility is to bring about human aid and make sure that wherever there is fire, it is doused quickly and effectively as possible. #Delhiviolence pic.twitter.com/tQbuxwEDLG — ANI (@ANI) February 28, 2020

उन्‍होंने कहा कि यह बहुत दुखदायी है। यह ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी एक पक्ष को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। शांति स्‍थापित और लोगों के बीच विश्‍वास कायम करना करने ही प्रमुख दायित्‍व है।

हिंसा में अब तक 43 की मौत, दो सौ से अधिक घायल

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा से प्रभावित इलाकों में जाफराबाद, मौजपुर, घोंडा, चांदबाग, खजूरी खास, मुस्तफाबाद और भजनपुरा शामिल हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में करीब 7,000 अर्द्धसैनिक बल तैनात हैं। शांति कायम रखने के लिए दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मी ड्यूटी पर हैं। अब तक इन दंगों में मरने वालों संख्या 43 हो चुकी है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों ने तीन दशक से अधिक समय में राजधानी में हुए सबसे भयावह दंगों के बाद अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने के प्रयास तेज कर दिए।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्व दिल्ली में रविवार से भड़के सांप्रदायिक संघर्ष का अंजाम इतना बुरा हुआ कि अब सड़कों पर चारों तरफ ईंट-पत्थर बिखरे हुए हैं, मकान, दुकानें जला दिए गए, लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया गया।

दिल्ली पुलिस के अनुसार सीएए का विरोध कर रहे भीम आर्मी के समर्थकों द्वारा रविवार शाम सीएए समर्थकों पर पत्थर चलाए जाने से इस दंगे की चिंगारी उठी। सीएए के इन समर्थकों को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा द्वारा मौजपुर चौक पर बुलाया गया था जहां से ये सारा बवाल शुरू हुआ।

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