2007 में मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट को दी थी परिवार समेत खत्म करने की धमकी, अब मिली आरोपित को पांच साल की सजा, पढ़िए पूरी कहानी

पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत ने शिव शंकर प्रसाद सिन्हा को जेल की सजा सुनाते हुए कहा कि इस घटना ने न्याय की धारा को प्रभावित किया और न्यायाधीशों और सहयोगी कर्मचारियों के बीच विश्वास की कमी पैदा की।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 10 Jan 2022 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 10 Jan 2022 01:30 PM (IST)
2007 में मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट को दी थी परिवार समेत खत्म करने की धमकी, अब मिली आरोपित को पांच साल की सजा, पढ़िए पूरी कहानी
धमकी देकर जबरन वसूली करने के आरोप में एक युवक को पांच साल की सजा सुनाई गई।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वर्ष 2007 में तीस हजारी कोर्ट में तैनात मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट को परिवार समेत खत्म करने की धमकी देकर जबरन वसूली करने के आरोप में एक युवक को पांच साल की सजा सुनाई गई। दोषी युवक मजिस्ट्रेट के कार्यालय में अहलमद के तौर पर कार्यरत था। पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत ने शिव शंकर प्रसाद सिन्हा को जेल की सजा सुनाते हुए कहा कि इस घटना ने न्याय की धारा को प्रभावित किया और न्यायाधीशों और सहयोगी कर्मचारियों के बीच विश्वास की कमी पैदा की।

कोर्ट ने कहा कि घटना से पहले दोषी शिव शंकर प्रसाद सिन्हा ने शिकायतकर्ता किरण बंसल की अदालत में उस समय सहायक अहमद के रूप में काम किया था, जब वे दीवानी अदालत में न्यायाधीश थीं। जाहिर है कि उस दौरान उसे उनके परिवार के सदस्यों और उनकी कमजोरियों के बारे में पता चला। सिन्हा ने शिकायतकर्ता से चार लाख रुपये की मांग की थी, जो तब तीस हजारी जिला न्यायालय परिसर में मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थीं।

पैसे नहीं देने पर उसने उनके बच्चों को मारने की धमकी दी थी। पूरे परिवार को खत्म करने की भी धमकी दी गई थी। शुक्रवार को दिए अपने निर्णय में कोर्ट ने कहा कि कार्यस्थल पर विश्वास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जबकि दोषी ने अपने कार्यालय के साथी की सूचनाओं का इस्तेमाल कर उससे रुपये निकलवाने की भयावह योजना बनाई थी।

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