हरदीप सिंह पुरी का एलान, 500 परिवारों को दिसंबर तक मिलेगा पक्का मकान

कठपुतली कॉलोनी में इन सीटू (जहां झुग्गी वहीं मकान) योजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण के तहत तीन बहुमंजिला टावर का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 11:01 AM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 11:01 AM (IST)
हरदीप सिंह पुरी का एलान, 500 परिवारों को दिसंबर तक मिलेगा पक्का मकान
हरदीप सिंह पुरी का एलान, 500 परिवारों को दिसंबर तक मिलेगा पक्का मकान

नई दिल्ली, जेएनएन। कठपुतली कॉलोनी में इन सीटू (जहां झुग्गी वहीं मकान) योजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण के तहत तीन बहुमंजिला टावर का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। दिसंबर तक ये तीन रेजिडेंसियल टावर बनकर तैयार हो जाएंगे। करीब 500 परिवार इन तीन टावरों में रह सकेंगे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अभी कठपुतली कॉलोनी के जो लोग ट्रांजिट कैंप में रह रहे हैं, उनमें से 500 परिवारों को दिसंबर तक कठपुतली कॉलोनी में पक्के मकान सौंप दिए जाएंगे।

कठपुतली कॉलोनी इन सीटू पुनर्विकास परियोजना के तहत अप्रैल 2018 में कार्य शुरू किया गया था। इस परियोजना की आधारशिला उपराज्यपाल अनिल बैजल व हरदीप सिंह पुरी ने रखी थी। परियोजना के तहत कठपुतली कॉलोनी में रहने वाले 2800 परिवारों के लिए यहां पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बहुमंजिला इमारत का निर्माण होना था। पुरी ने कहा कि अभी कठपुतली कॉलोनी में निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। जल्द ही यहां आवास आवंटन का कार्य शुरू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बिजली व अन्य मसलों पर कुछ मसले ऐसे हैं, जिनपर बात हो रही है। लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण इन्हें भी जल्द ही सुलझा लेगा। परियोजना के तहत यहां पुलिस पोस्ट, साप्ताहिक बाजार, खुदरा दुकान व शादी व अन्य सामाजिक समारोह के लिए सामुदायिक सुविधाएं विकसित होनी हैं। बता दें कि कठपुतली कॉलोनी में कठपुतली कलाकारों के अलावा जादूगर, गायक व संगीतकार भी बड़ी संख्या में रहते थे। दिसंबर 2009 में डीडीए ने अपनी तरह की पहली इन सीटू पुनर्विकास परियोजना के तहत कठपुतली कॉलोनी का चयन किया था। योजना के तहत पीपीपी मॉडल पर यहां रहने वाले लोगों के लिए घरों का निर्माण होना था।

निर्माण होने तक यहां रहने वाले परिवारों को एक ट्रांजिट कैंप में रहने के लिए घर मुहैया कराए गए। ये कैंप आनंद पर्वत इलाके में बनाए गए। 2017 में कोर्ट की अनुमति मिलने पर इस कॉलोनी को ढहाया गया, जिसके बाद पुनर्विकास परियोजना पर कार्य शुरू हुआ।

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