Giloy: कोरोना से बचाव ही नहीं, इन बीमारियों में भी रामबाण है गिलोय, जड़ से लेकर पत्तियां तक हैं गुणकारी

Giloy Health Benefits गिलोय की पत्तियों से लेकर जड़ और तना सभी उपयोगी होता है। सबसे ज्यादा लाभकारी तना होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट होता है। इसे आसानी से घर में उगाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से बीमारियां दूर रहती हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 02:42 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 03:15 PM (IST)
Giloy: कोरोना से बचाव ही नहीं, इन बीमारियों में भी रामबाण है गिलोय, जड़ से लेकर पत्तियां तक हैं गुणकारी
प्राचीन वैद्य आचार्य चरक ने चरक संहिता में गिलोय के गुणों का वर्णन किया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर से देश को चिंता में डाल दिया है। प्रतिरोधक क्षमता का ख्याल रखना चुनौती बन गया है। इसके लिए कुछ लोग तरह-तरह की दवाइयों पर भरोसा कर रहे हैं तो कुछ प्राकृतिक उपायों पर जोर दे रहे हैं। ऐसा ही एक प्रभावी उपाय गिलोय है जिसकी जड़ों से लेकर पत्तियां गुणकारी हैं। सेहत के लिए यह हर तरह से लाभकारी है। आइए जानते हैं गिलोय के गुण और इसे लगाना, देखभाल करना और सहेजना।

गिलोय क्या है

यह एक बेल है। आमतौर पर खाली मैदान, जंगल और दीवारों इत्यादि पर उगती है। इसके पत्ते पान की तरह बड़े, चिकने और हरे रंग के होते हैं। इसका फल मटर जैसा होता है। बीजों का रंग सफेद होता है। इसकी पत्तियों से लेकर जड़ और तना सभी उपयोगी होता है। सबसे ज्यादा लाभकारी तना होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट होता है। इसे आसानी से घर में उगाया जा सकता है।

वैज्ञानिक नाम: टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया।

प्रकृति की साथी

ऐसा माना जाता है कि गिलोय जिस पेड़ पर उगती है, न तो उसे मरने देती है और न ही सेवन करने वाले को कोई हानि होने देती है।

ऐतिहासिक महत्व

गिलोय की उत्पत्ति के संबंध में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय अमृत कलश छलकने से उसकी बूंदें जहां भी गिरीं, वहीं गिलोय या अमृता का पौधा निकल आया। इसे गुडुची या जीवन्तिका भी कहा जाता है। प्राचीन वैद्य आचार्य चरक ने चरक संहिता में गिलोय के गुणों का वर्णन किया है।

गिलोय से लाभ

इसकी पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसे उबालकर पीने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। इसके तनों में स्टार्च की अच्छी मात्रा होती है। यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ खतरनाक बीमारियों से सुरक्षा करता है। इसे घी और शहद के साथ मिलाकर पीने से खून की कमी दूर होती है। पीलिया के मरीजों के लिए यह अत्यंत फायदेमंद होता है। हाथ-पैरों में जलन से परेशान लोग इसका सेवन कर सकते हैं। इससे कब्ज और गैस की समस्या नहीं होता। पाचन भी ठीक रहता है। बुखार और सर्दी से दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। शरीर और दिमाग को शांति देने के साथ याददाश्त अच्छी करता है।

chat bot
आपका साथी