पिता-पुत्री ने फतह की दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट

अजीत बजाज की पत्नी शिरली थॉमस बजाज ने बताया कि यह हमारे परिवार के लिए गर्व करने का समय है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 17 May 2018 05:40 PM (IST) Updated:Fri, 18 May 2018 09:41 AM (IST)
पिता-पुत्री ने फतह की दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट
पिता-पुत्री ने फतह की दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट

गुरुग्राम (जेएनएन)। खेलों और एडवेंचर की बात करें तो हरियाणवी नंबर वन हैं। बृहस्पतिवार की शाम साढ़े चार बजे एक और एडवेंचर रिकॉर्ड हरियाणा के शहर यानी मिलेनियम सिटी के नाम हुआ। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर शहर के 53 वर्षीय अजीत बजाज और उनकी 24 वर्षीय पुत्री दीया बजाज ने एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर तिरंगा लहराया।

अजीत बजाज की पत्नी शिरली थॉमस बजाज ने बताया कि यह हमारे परिवार के लिए गर्व करने का समय है। अजीत बजाज ने पहले भी साहसपूर्ण अभियानों के कई रिकॉर्ड कायम किए हैं, लेकिन यह अनुभव सबसे हटकर था क्योंकि वे अपनी बेटी के साथ एवरेस्ट पर पहुंचे।

बेटी दीया पिता से 15 मिनट पहले एवरेस्ट पर पहुंची। बाद में पिता अजीत बजाज पहुंचे। बृहस्पतिवार की सुबह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी से सूर्योदय का सुंदर नजारा देखकर वे बहुत ही खुश थे।

शिरली ने बताया कि 16 अप्रैल से उन्होंने इस अभियान की शुरुआत की थी। नॉथ कोल (23030 फीट) से वे बेस कैंप थ्री (27, 390 फीट) पहुंचे और इसके बाद एवरेस्ट की चोटी पर। मैं इस अभियान को लेकर चिंतित थी, लेकिन आज उनके साहस और जोश को देखते हुए बहुत ही खुशी हो रही है। दोनों माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वाले पहले पिता पुत्री हैं, जो साथ-साथ वहां पहुंचे हैं और देश का तिरंगा लहराया।

शिरली के अनुसार अजीत बजाज ने अपनी पुत्री को एडवेंचर के इन कार्यों के लिए उत्साहित किया है। देश की बेटियों को इसे प्रेरणा मिलेगी। पिता पुत्री 20 मई तक गुरुग्राम लौटकर आएंगे। अजीत बजाज नॉर्थ पोल और साउथ पोल पर स्कीइंग करने वाले पहले भारतीय हैं।

यह रिकॉर्ड उन्होंने वर्ष 2006-07 में बनाया था। दीया ने उत्तरकाशी के नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग से प्रशिक्षण लिया है। 17 साल की उम्र में दिया ने 20 दिन दिन के ट्रांस ग्रीनलैंड स्कींग एक्सपीडिशन में हिस्सा लिया था। वर्ष 2012 में दिया बजाज ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलबर्स (5642 मीटर) पर फतेह हासिल की थी।

अजीत बजाज को साहसी अभियान के कार्यों को लेकर वर्ष 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। अजीत बजाज डीएलएफ फेज चार स्थित अपने एडवेंचर इंस्टीट्यूट के माध्यम से लोगों को विभिन्न एडवेंचर अभियानों में ले जाते रहे हैं। उन्होंने लोगों को इसकी ट्रेनिंग दी है।

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