पहले दर्द के कारण जीवन में आ गया तनाव, अब योग से जुड़ने के बाद जीवन में आ गई खुशहाली

योग में ऐसे कई आसन और प्रणायाम हैं जिनसे मन-मस्तिष्क तरो-ताजा रहता है। अश्वथासन से मांसपेशियों का खि‍ंचाव और तनाव दूर होता है।

By Edited By: Publish:Thu, 20 Jun 2019 06:48 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2019 07:25 PM (IST)
पहले दर्द के कारण जीवन में आ गया तनाव, अब योग से जुड़ने के बाद जीवन में आ गई खुशहाली
पहले दर्द के कारण जीवन में आ गया तनाव, अब योग से जुड़ने के बाद जीवन में आ गई खुशहाली

फरीदाबाद (अनिल बेताब)। योग से जुड़ने के बाद मेरे जीवन की पीड़ा दूर हो गई है। करीब वर्ष भर पहले एक हादसा हुआ था। मैं घर में ही गिर गई थी। इसके बाद से मेरे कमर में बुरी तरह दर्द रहने लगा था। यहां तक हालात हो गए थे कि कमर झुका नहीं सकती थी। कमर दर्द के चलते तनाव में रहने लगी थी।

डिस्क स्लिप हो गई थी। मेरी तबीयत बिगड़ने से घर का ताना-बाना ही बिगड़ गया था। कई डॉक्टरों से मिली, सलाह दी गई कि आॅपरेशन से ही छुटकारा मिल पाएगा। मगर इसी दौरान मुझे ईएसआइ मेडिकल काॅलेज अस्पताल के आयुष विभाग की जानकारी मिली। मैंने वहां जाकर आयुष विभाग में डॉ.संदीप योगाचार्य से संपर्क किया और उनसे इलाज शुरू किया। धीरे-धीरे राहत मिलने लगी।

महीने भर अलग-अलग तरह के आसान और प्राणायाम करने के बाद अब मैं योग के महत्व को समझने लगी हूं। आज मैं बिल्कुल फिट हूं। एनआइटी दो नंबर जे ब्लाक निवासी पूजा के जीवन की सच्चाई कुछ तरह की है, जो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर पूजा ने बयां की। पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव के प्रयासों की भी सराहना करती हैं, जिनकी वजह से योग को बढ़ावा मिल रहा है।

पूजा कहती हैं कि डॉ. संदीप योगाचार्य के कारण ही आज वह अपने पति रॉकी और बेटी लक्षिता के साथ खुशहाल जीवन जी रही हैं।

मैं कई वर्ष पहले सर्वाइकल से पीड़ित थी। कई बार चक्कर आ जाते थे, तो कमर में भी दर्द रहता था। जब मुझे योग के महत्व का पता चला तो मैंने योगाचार्य के मार्गदर्शन में तान आसन, भुजंग आसन और गर्दन के सूक्ष्म यौगिक व्यायाम करने शुरू कर दिए। आज में पूरी तरह फिट हूं और आगे भी ठीक रहूं, इसके लिए नियमित रूप से योग करती हूं।
पारुल, वीआइपी फ्लोर, ग्रेटर फरीदाबाद निवासी।

ऐसे कई आसन और प्रणायाम हैं, जिनसे मन-मस्तिष्क तरो-ताजा रहता है। अश्वथासन से मांसपेशियों का खि‍ंचाव और तनाव दूर होता है। उकाग्रता के लिए पादअंगुष्ठासन कर सकते हैं तो भुजंग आसन कटि चक्र आसन तथा तान आसन सर्वाइकल में उपयोगी साबित होते हैं। ऐसे ही शवासन से मानसिक शांति मिलती है। अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम भी स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी हैं।
-डॉ.संदीप योगाचार्य, आयुष विभाग, ईएसआइ मेडिकल कॉलज।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी