Delhi: एयूडी में अगले सत्र से शुरु होगा चार वर्षीय बीए-बीएड एकीकृत पाठ्यक्रम, एनटीए के जरिए होगा दाखिला

Delhi विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम के लिए कुल 100 सीटें होंगी। माध्यमिक तक की कक्षाओं के छात्रों के लिए शिक्षकों को पढ़ाने में पारांगत करने के लिए एयूजी पाठ्यक्रम को दो बैच में शुरू करेगा। इसमें एक बैच प्राथमिक स्तर और दूसरा माध्यमिक स्तर का होगा।

By Ritika MishraEdited By: Publish:Sat, 19 Nov 2022 08:53 PM (IST) Updated:Sat, 19 Nov 2022 08:53 PM (IST)
Delhi: एयूडी में अगले सत्र से शुरु होगा चार वर्षीय बीए-बीएड एकीकृत पाठ्यक्रम, एनटीए के जरिए होगा दाखिला
Delhi: एकीकृत पाठ्यक्रम के शुरू होते ही पांच साल की बजाय छात्र चार सालों में ही दोहरी डिग्री मिलेगी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बीएड के बाद छात्रों को शिक्षक के अतिरिक्त भी करियर के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर डा. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय (एयूडी) अगले शैक्षणिक सत्र से बीए-बीएड एकीकृत पाठ्यक्रम शुरु करेगा। पाठ्यक्रम कुल चार वर्ष का होगा। जिसमें छात्र सीधा 12वीं के बाद प्रवेश ले सकेंगे। एयूडी की कुलपति प्रो. अनु लाथर ने बताया कि पाठ्यक्रम को शुरू करने को लेकर एयूडी ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मंजूरी का पहला चरण पूरा कर लिया है।

पांच साल की बजाय अब चार सालों में दोहरी डिग्री का माैका

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय बीते पांच सालों से इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए प्रयास कर रहा था। उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम के शुरू होते ही छात्रों को उच्च शिक्षा में बहुत से विकल्प खुल जाएंगे। जो छात्र इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में जाना चाहते हैं वो शिक्षा के क्षेत्र में जा सकते हैं। अन्यथा वो अपने पाठ्यक्रम के दौरान चुने हुए विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्री भी हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी बीएड की डिग्री लेने के लिए पांच साल लग जाते हैं। इसमें तीन साल स्नातक के और दो साल बीएड के। लेकिन एकीकृत पाठ्यक्रम के शुरू होते ही पांच साल की बजाय छात्र चार सालों में ही दोहरी डिग्री की पढ़ाई कर पाएंगे। इससे छात्रों का एक साल का समय भी बचेगा।

दाखिला राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के जरिए होगा

वहीं, इस पाठ्यक्रम में दाखिला राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के जरिए होगा। एनटीए इसके लिए केंद्रीय स्तर पर परीक्षा आयोजित करेगा। अभी छात्रों को स्नातक करने के बाद बीएड की डिग्री हासिल करनी पड़ती थी। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्र बीए पाठ्यक्रम की पढ़ाई के साथ बीएड की डिग्री भी हासिल कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम के जरिए देशभर के स्कूलों में न सिर्फ विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी खत्म होगी, बल्कि शिक्षक तैयार होंगे। वहीं, ये पाठ्यक्रम लोधी रोड स्थित कैंपस में शुरू किया जाएगा।

कुल 100 सीटें होंगी

विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम के लिए कुल 100 सीटें होंगी। माध्यमिक तक की कक्षाओं के छात्रों के लिए शिक्षकों को पढ़ाने में पारांगत करने के लिए एयूजी पाठ्यक्रम को दो बैच में शुरू करेगा। इसमें एक बैच प्राथमिक स्तर और दूसरा माध्यमिक स्तर का होगा। दोनों में ही 50-50 सीटें होंगी। प्रो. लाथर के मुताबिक ये पाठ्यक्रम अनुशासन और क्षेत्र का एकीकरण है। ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्तर में बचपन की देखभाल (अर्ली चाइल्डहुड केयर) पाठ्यक्रम को भी जोड़ा जाएगा। ताकि छोटी उम्र के बच्चों को किस तरह से शिक्षित करना है ये भविष्य के शिक्षक बेहतर सीख पाएं।

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