दिल्ली के दुकानदार बोले कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर शर्त मानने को तैयार मगर अब तो दुकान खोलने दो सरकार

31 मई से शुरू हो रही अनलाक प्रक्रिया से बाजारों को बाहर रखने से दुकानदार खासे नाराज हैं। लगातार 41 दिनों से दुकानों के बंद होने से आर्थिक व रोजगार के मोर्चे पर गहराए संकटों का हवाला देते हुए वे सरकार को मनाने की भी कोशिश कर रहे हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 30 May 2021 01:03 PM (IST) Updated:Sun, 30 May 2021 01:03 PM (IST)
दिल्ली के दुकानदार बोले कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर शर्त मानने को तैयार मगर अब तो दुकान खोलने दो सरकार
व्यापारी वर्ग कह रहा है कि वह संक्रमण के खतरे को देखते हुए हर शर्तों को मानने को तैयार है।

नई दिल्ली, [जागरण संवाददाता]। 31 मई से शुरू हो रही अनलाक प्रक्रिया से बाजारों को बाहर रखने से दुकानदार खासे नाराज हैं। लगातार 41 दिनों से दुकानों के बंद होने से आर्थिक व रोजगार के मोर्चे पर गहराए संकटों का हवाला देते हुए वे सरकार को मनाने की भी कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वह सरकार को दोबारा प्रस्ताव भेज रहे हैं, जिसमें कड़े शर्तों के साथ दुकानों को खोलने की हामी है। व्यापारी वर्ग कह रहा है कि वह संक्रमण के खतरे को देखते हुए हर शर्तों को मानने को तैयार है, पर अब बाजारों को बंद नहीं रखना चाहिए। अन्यथा उनकी स्थिति काफी खराब हो जाएगी।

कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) समेत अन्य कारोबारी संगठनों ने इस संबंध में उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बाजारों को खोलने की स्थिति में पालन किए जा सकने वाले मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेज रहे हैं। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल व दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि 19 अप्रैल को जब लाकडाउन की घोषणा हुई थी तब संक्रमण दर 26.12 फीसद थी और संक्रमितों की संख्या 23,686 जो वर्तमान में अब करीब 1,100 है और संक्रमण दर 1.5 फीसद हैं। इसलिए अब कड़े मानकों के साथ कारोबार की अनुमति दी जानी चाहिए। अन्यथा कई व्यापारी बर्बाद होने की स्थिति में आ जाएंगे।

वे इसलिए भी बेसब्र है, क्योंकि अभी तक उन्हें सरकारों की ओर से मदद की कोई पहल नहीं हुई है। उन्हें खुद से ही लाकडाउन से उत्पन्न सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से निपटना है। कैट ने जारी बयान में बताया कि शनिवार को उसके एक वेबिनार में दिल्ली के 508 व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों ने एक स्वर में बाजार को खोलने की अनुमति देने की गुहार लगाई है।

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव विजय प्रकाश जैन व दिल्ली के महासचिव हेमंत गुप्ता ने कहा कि बंद व्यापार के चले व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बदतर हुई है। दिल्ली के साथ ही देशभर के व्यापारियों के सामने लाकडाउन से यहीं स्थिति है। इसलिए प्रधानमंत्री से आग्रह है कि व्यापारी व देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस मामले में अविलंब हस्तक्षेप करें।

कनाट प्लेस व खान मार्केट जैसे बाजार खोले जा सकते हैं

खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने कहा कि पुरानी दिल्ली समेत कुछ अन्य स्थानों के बाजारों में कोरोना संबंधित दिशानिर्देशों के पालन में कठिनाई आ सकती है, लेकिन कनाट प्लेस, खान मार्केट, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्स समेत कई बाजार ऐसे हैं जो खुले-खुले हैं। वहां नियमों का आसानी से पालन कराया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना को रोके न कि पूरे शहर में लाकडाउन लगाएं। ऐसे में सरकार को उस दिशा में बढ़ना चाहिए।

व्यापारियों ने दिया सुझाव

-दिल्ली को विभिन्न जोन में बांटकर मिले दुकानों को खोलने की अनुमति

-खुलने और बंद होने का समय बाजारवार हो अलग-अलग

-सप्ताहांत में दो दिन लाकडाउन

-रेहड़ी-पटरी वालों को बंद पड़े स्कूलों में किया जाए स्थानांतरित

-औचक दस्ता बने, उल्लंघन पर दुकानों पर हो कार्रवाई

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