Heroes of Delhi Violence: जानिए इस फरिश्ते के बारे में, जिसने बचाई मुस्लिम परिवार की जान

Heroes of Delhi Violence दिल्‍ली हिंसा के दौरान जयबीर ने अपनी जान जोखिम में डाली और दंगाइयों के सामने रफी के परिवार की जान बचाने के लिए ढाल बनकर खड़े हो गए।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 05:32 PM (IST)
Heroes of Delhi Violence: जानिए इस फरिश्ते के बारे में, जिसने बचाई मुस्लिम परिवार की जान
Heroes of Delhi Violence: जानिए इस फरिश्ते के बारे में, जिसने बचाई मुस्लिम परिवार की जान

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। Heroes of Delhi Violence: बजरंगबली के भक्त ने अपनी जान पर खेलकर एक मुस्लिम परिवार की जान बचाई। नूर-ए-इलाही रोड पर रहने वाले जयबीर सिंह का परिवार रात के वक्त अपने घर में खाना खा रहा था। अचानक घर के बाहर रोड से तेज आवाज आनी शुरू हो गई। बाहर जाकर देखा तो हजारों लोगों की भीड़ अपने हाथों में डंडे, पत्थर और हथियार लेकर खड़ी थी। भीड़ ने एकदम से घर पर पथराव शुरू कर दिया। डर का ऐसा माहौल था कि पूरा परिवार घर के एक कमरे में छिप गया। भीड़ ने घर के नीचे बने उनके मेडिकल स्टोर का शटर तोड़ा और उसमें से सारा सामान लूट लिया। इसके बाद स्टोर में आग लगा दी। दुकान से आग के शोले बाहर आ रहे थे, ऊपरी मंजिल का फर्श तप रहा था। एक घंटे तक परिवार घर में बंधक बना हुआ था, जैसे तैसे परिवार गली में भागा और अपनी जान बचाई।

कुछ देर बाद दंगाई फिर से वापस पहुंचे और जयबीर सिंह के पड़ोस में रहने वाले मुहम्मद रफी की दुकान फूंकने की कोशिश करने लगे। जयबीर ने अपनी जान जोखिम में डाली और दंगाइयों के सामने रफी के परिवार की जान बचाने के लिए ढाल बनकर खड़े हो गए। उन्होंने दंगाइयों से कहा कि रफी के घर तक पहुंचने के लिए उन्हें पहले उनसे निपटना पड़ेगा। जयबीर के क्रोध के सामने दंगाइयों को वापस लौटना पड़ा। उनकी बहादुरी की वजह से एक मुस्लिम परिवार का घर तबाह होने से बच गया।

बता दें कि मोहनपुरी में दोनों परिवारों ने घर के नीचे दुकानें बनाई हुई हैं। जिस गली में दोनों का घर है, वह हिंदू बहुल क्षेत्र है। उस क्षेत्र में सिर्फ रफी का परिवार ही एकलौता मुस्लिम परिवार है। जयबीर ने बताया कि वह बजरंगबली के भक्त हैं, जाति धर्म में विश्वास नहीं रखते हैं। उनका फर्ज था कि वह अपने साथ ही अपने पड़ोसी की जान बचाएं। रफी की पत्नी रोशन ने बताया कि जयबीर और उनके परिवार ने मदद की।

एक साथ खा रहे खाना

जयबीर ने बताया कि वह पिछले 35 वर्षों से मोहनपुरी में रह रहे हैं। इस तरह का खौफनाक मंजर कभी नहीं देखा, दंगाइयों ने उनकी दुकान में आग लगाई, घर पर पत्थर फेंके और गोलियां भी चलाई। उनकी छत पत्थरों से भरी पड़ी है। सभी लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। कुछ लोगों की वजह से क्षेत्र की शांति भंग हो गई। उन्होंने कहा कि उनके रहते रफी के परिवार को कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दंगे के बाद दोनों परिवार एक साथ खाना खा रहे हैं, रात में भी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते हैं।

हिंदू पड़ोसी ने दी सलीम के परिवार को पनाह तब बची जान

उत्तर-पूर्वी जिले के इलाकों में फैली सांप्रदायिक हिंसा ने हिंदू-मुस्लिम एकता को छिन्न-भिन्न कर दिया। लेकिन इस खौफनाक मंजर में भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने उम्मीदों जिंदा किया है। दरअसल सोमवार को शिव विहार इलाके में भड़की हिंसा में दंगाइयों की भीड़ ने जब सलीम के घर पर हमला किया तो उन्हें उनके पड़ोसी हिंदू परिवार ने अपनी जान पर खेलकर बचाया। 

हिंदू परिवार ने सलीम के परिवार को अपने घर की दूसरी मंजिल पर सुरक्षित पनाह दी। जबकि दंगाइयों ने सलीम के घर को उनकी आंखों के सामने आग लगा दी गई। इस दौरान उनके घर का सामान पूरी तरह जलकर खाक हो गया। सिर्फ इतना ही नहीं हिंदू परिवार ने इस सलीम के परिवार को सुरक्षित निकालकर मुस्तफाबाद स्थित उनके रिश्तेदारों के घर भी पहुंचाया। सलीम ने बताया कि शिव विहार इलाके में जहां उनका घर है वहां अधिकांश हिंदू परिवार रहते हैं। उनके घर के आस-पास हिंदुओं के ही घर हैं। मेरी और मेरे परिवार की जान बचाने के लिए मैं अपने पड़ोसी हिंदू परिवार का तहेदिल से शुक्रगुजार हूं।

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