Delhi Jama Masjid: इंटरनेशनल स्तर पर छाया रहा जामा मस्जिद विवाद, समर्थन और विरोध में ट्वीट करते रहे लोग

Jama Masjid Controversy जामा मस्जिद विवाद ट्विटर पर दिनभर ट्रेंड करता रहा। देश-विदेश से लोग समर्थन और विरोध में ट्वीट करते रहे। ट्वीटर पर यह लगातार तीन से छह नबंर पर ट्रेंड करता रहा। तमाम बुद्धिजीवी ने ट्वीट कर अपनी राय रखी।

By Nemish HemantEdited By: Publish:Thu, 24 Nov 2022 10:12 PM (IST) Updated:Thu, 24 Nov 2022 10:12 PM (IST)
Delhi Jama Masjid: इंटरनेशनल स्तर पर छाया रहा जामा मस्जिद विवाद, समर्थन और विरोध में ट्वीट करते रहे लोग
Delhi Jama Masjid: इंटरनेशनल स्तर पर छाया रहा जामा मस्जिद विवाद

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जामा मस्जिद (Jama Masjid) में लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाया रहा। इंटरनेट मीडिया पर दिनभर ट्रेंड करता रहा। ट्वीटर पर यह लगातार तीन से छह नबंर पर ट्रेंड करता रहा। तमाम बुद्धिजीवी से लेकर आम लोग इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते रहे। कोई इसके पक्ष में तो कोई इसे तालिबानी मानसिकता का प्रतीक बता रहा था।

'महिलाओं को हर स्थान पर जाने की आजादी'

स्वीडन के प्रोफेसर अशोक स्वैन ने कहा कि दिल्ली के जामा मस्जिद ने उन महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो बिना पुरुष के आएंगी। ऐसे सभी ठेकेदार हर धर्म में है। ये दूसरे का कारोबार चलाने में मदद करते हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञ तहसीन पुनावाल ने अपने ट्वीट पर लिखा कि इस्लाम के अनुसार महिलाओं को हर उस स्थान पर जाने की आजादी है जहां वह जाना चाहती है, जिस स्थान को पसंद करती हैं। जामा मस्जिद का यह फैसला संविधान व इस्लाम के खिलाफ है। महिलाओं को अकेले जामा मस्जिद जाना चाहिए। उन्हें किसी को रोकने का अधिकार नहीं है। बतौर धर्मनिरपेक्ष हमें इस मुद्दे पर बोलना चाहिए।

मोनिका वर्मा ने लिखा कि मुस्लिम महिलाएं बिना किसी पुरुष साथी के सऊदी अरब में हज पर जा सकती है। जहां इस्लाम का जन्म हुआ, लेकिन वे देश की राजधानी के जामा मस्जिद में नहीं जा सकती है।

'जामा मस्जिद एक पूजा का स्थल'

सिद्धी सोमानी ने ट्वीट में कहा कि उन्होंने जामा मस्जिद में युवकों को भी पोज देते देखा। उनपर प्रतिबंध क्यों नहीं लगना चाहिए। वहीं, फैसले का बचाव करते हुए जफर सैफी ने कहा कि जामा मस्जिद एक पूजा का स्थल है। कोई पिकनिक स्थल नहीं है। इसी तरह अर्शिया मलिक ने अपने ट्वीट में लिखा कि मस्जिद में महिलाओं का प्रवेश आम तौर पर पीछे के गेट से होता है। साथ ही यह पर्दे के पीछे रहती है। जामा मस्जिद एक धार्मिक स्थल होने के साथ पर्यटन स्थल भी है।

इस पर देवबंद को व्याख्या करनी चाहिए। अरुण पुदूर ने कहा कि जामा मस्जिद में महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। क्या आप ऐसा सोचते है कि विदेशी दान से चलने वाले नारीवादी गैंग और मीलार्ड इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे।

11 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता लिसीप्रिया कंगजम ने इस मामले में जामा मस्जिद के शाही इमाम के गिरफ्तारी तक की मांग की। धर्म के नाम पर घृणा बंद होनी चाहिए। इस तरह के अनगिनत ट्वीट और पोस्ट इंटरनेट मीडिया आते रहे।

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