Delhi New Excise Policy: नई आबकारी नीति 2021-22 को दी मंजूरी, खुदरा बिक्री करने वाले विक्रेताओं को मिली छूट

मौजूदा समय में 30 सितंबर तक चलने वाले खुदरा लाइसेंस की अवधि 16 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। इसके बाद नए लाइसेंस 17 नवंबर से लागू होंगे। अब तक दिल्ली सरकार शहर की 850 खुदरा शराब की दुकानों में से लगभग 60 फीसद को चलाती है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 12:36 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 12:36 PM (IST)
Delhi New Excise Policy: नई आबकारी नीति 2021-22 को दी मंजूरी, खुदरा बिक्री करने वाले विक्रेताओं को मिली छूट
दिल्ली सरकार शहर की 850 खुदरा शराब की दुकानों में से लगभग 60 फीसद को चलाती है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत शराब की खुदरा बिक्री करने वाले विक्रेताओं को लाइसेंस अवधि में छूट दी है। आबकारी विभाग की ओर से इस बाबत आदेश जारी किए गए हैं। मौजूदा समय में 30 सितंबर तक चलने वाले खुदरा लाइसेंस की अवधि 16 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। इसके बाद नए लाइसेंस 17 नवंबर से लागू होंगे। अब तक दिल्ली सरकार शहर की 850 खुदरा शराब की दुकानों में से लगभग 60 फीसद को चलाती है।

नई नीति के तहत सरकार ने कुल 32 जोन में से 20 जोन में शराब की खुदरा बिक्री के लिए निजी फर्मों को पहले ही चुन लिया है, जिसमें पूरे शहर को बांटा गया है। आबकारी विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-22 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत नए खुदरा लाइसेंस 17 नवंबर से जारी होंगे।

मालूम हो कि इससे पहले दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति बनाने को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बीच दिल्‍ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार की तरफ से जारी शराब बिक्री के ई-टेंडर के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि सब कुछ अनिश्चितता पर नहीं छोड़ सकते। यह टिप्पणी करते हुए जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को भी कहा था। बीते माह 27 अगस्त तक इस मामले की सुनवाई होती रही।

उधर खुदरा विक्रेताओं की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले राबिन चौधरी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर व संदीप सेठी ने कहा था कि वे नई आबकारी नीति को चुनौती नहीं दे रहे हैं। उन्होंने शराब विक्रेताओं की समस्याओं को उठाते हुए कहा था कि उन्हें थोक विक्रय मूल्‍य की जानकारी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि शराब उन्हें किस कीमत पर बेचनी पड़ेगी, यदि ये चीजें स्पष्ट हो जाएंगी तो अच्छा रहेगा। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने नई आबकारी नीति के आदेश जारी कर दिए हैं।

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