...ताकि इस बार दिल्ली फिर न बने स्मॉग चैंबर, सीपीसीबी ने कसी कमर

आइआइटीएम की मदद से सीपीसीबी वायु प्रदूषण को लेकर एडवाइजरी सहित 72 घंटे का पूर्वानुमान जारी करेगा। इस पूर्वानुमान के आधार पर ही ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम के प्रावधान लागू किए जाएंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Aug 2017 11:35 AM (IST) Updated:Mon, 14 Aug 2017 08:47 PM (IST)
...ताकि इस बार दिल्ली फिर न बने स्मॉग चैंबर, सीपीसीबी ने कसी कमर
...ताकि इस बार दिल्ली फिर न बने स्मॉग चैंबर, सीपीसीबी ने कसी कमर

नई दिल्ली [ संजीव गुप्ता ] । सर्दियों का समय नजदीक आते देख केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) सहित तमाम सरकारी एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इस बार देश की राजधानी फिर से स्मॉग चैंबर में तब्दील ना हो, इसके लिए अन्य उपायों के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर के तमाम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों को इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ ट्रॉपिकल मीट्रियोलॉजी (आइआइटीएम) पुणे से जोडऩे का निर्णय भी लिया गया है।

आइआइटीएम की मदद से सीपीसीबी वायु प्रदूषण को लेकर एडवाइजरी सहित 72 घंटे का पूर्वानुमान जारी करेगा। इस पूर्वानुमान के आधार पर ही ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम के प्रावधान लागू किए जाएंगे।

गत वर्ष अक्टूबर-नवंबर में जिस तरह से दिल्ली स्मॉग चैंबर बन गई थी, वह एनसीआर निवासी अभी तक भूले नहीं हैं। इसलिए तभी से विभिन्न स्तरों पर इस दिशा में बेहतरी के प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न चार चरणों में लागू होने वाला ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम पहले ही बन चुका है, जिसे केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय अधिसूचित भी कर चुका है।

दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों का जाल भी बिछाया जा रहा है। दिल्ली में भी अक्टूबर तक 20 नए रियल टाइम मॉनिटरिंग स्टेशन लग जाएंगे। जहां तक वायु प्रदूषण के पूर्वानुमान का सवाल है तो गत सर्दियों के बाद से केंद्र सरकार की संस्था 'सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकॉस्टिंग एंड रिसर्च' (सफर इंडिया) दो दिन का पूर्वानुमान दे रहा है, लेकिन इसकी सटीकता को लेकर थोड़ी गफलत रही है। इस पूर्वानुमान में कोई एडवाइजरी भी नहीं होती।

इसीलिए अब तय किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन अक्टूबर माह में आइआइटीएम पुणे के सुपर कंप्यूटर से जोड़ दिए जाएंगे। इस सुपर कंप्यूटर की मदद से आइआइटीएम सीपीसीबी को अगले 72 घंटे के संभावित वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान जारी करेगा।

सीपीसीबी इस पूर्वानुमान को एडवाइजरी के साथ जारी करेगा। खास बात यह कि इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी भी सफर इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर गुरफान बेग को ही दी गई है।

सीपीसीबी के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एसके त्यागी का कहना है कि अक्टूबर माह से एडवाइजरी सहित यह पूर्वानुमान जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस पूर्वानुमान के जरिए ही जहां यह तय किया जाएगा कि ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम के विभिन्न चार चरणों -सामान्य से खराब, खराब, बहुत खराब और खतरनाक में से किस चरण के प्रावधान लागू किए जाएंगे। एडवाइजरी में हर आयु वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य के लिए सलाह भी शामिल रहेगी।


 

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