Coronavirus: दिल्ली के आइएसबीटी पर जा रहे बस पकड़ने तो पढ़ ले ये खबर, कई रूट की बसों ने आना ही कर दिया बंद
Coronavirus संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली में दूसरे राज्यों से बसों में आने वाले यात्री 60 फीसद तक कम हो गए हैं। यात्रियों की कमी के चलते कश्मीरी गेट सराय काले खां और आनंद विहार अंतरराज्यीय बस अड्डों पर आने वाली बसें भी कम हो गई हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Coronavirus: संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली में दूसरे राज्यों से बसों में आने वाले यात्री 60 फीसद तक कम हो गए हैं। यात्रियों की कमी के चलते कश्मीरी गेट, सराय काले खां और आनंद विहार अंतरराज्यीय बस अड्डों पर आने वाली बसें भी कम हो गई हैं। कुछ रूट पर बसों का परिचालन तक बंद कर दिया गया है। बस अड्डा प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक आपातकालीन स्थिति वाले यात्री ही अब दिल्ली आ रहे हैं। पहले की तुलना में यात्री घट गए हैं। जिसके चलते कई दूसरे रूट की बसों ने बस अड्डा परिसर में आना भी बंद कर दिया है।
अधिकारी ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई शहरों से आने वाली बसों का परिचालन प्रभावित हुआ है। पिछले एक हफ्ते से संक्रमण के मामले ज्यादा आने पर यह यात्री कम होते चले गए। मार्च महीने में होली तक भी तीनों बस अड्डों से तीन हजार से अधिक बसों का परिचालन हो रहा था।
उधर एक बात ये भी है कि राजधानी की ज्यादातर बसें पुरानी हैं, जो समय सीमा पूरी होने की वजह से बेड़े से बाहर होती जा रही हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सात साल से डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं आई है। पिछले सालों से बसें लगातार कम हो गई हैं। इस समय दिल्ली को 11 हजार बसों की जरूरत है, जबकि दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर मिलाकर कुल 5700 बसें ही उपलब्ध हैं। यहां बसों की कमी की समस्या हर क्षेत्र में है।
दिल्ली में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से हालात और भी खराब है। दिल्ली के अधिकतर यात्रियों ने कौशांबी स्थित यूपी रोडवेज पहुंचकर यहां से बसों में यात्रा की। आलम ये हो गया कि यूपी और उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाली बसें लगभग बंद हो गई है। जो बसें आइएसबीटी तक जाती थी अब वो कौशांबी तक आ रही हैं। इसी तरह से चंडीगढ़ और पंजाब की तरफ से आने वाली बसें भी आना बंद हैं।
2014 में डीटीसी के पास 5223 बसें थी और क्लस्टर सेवा की 13 सौ बसें मिलाकर कुल 6523 बसें होती थीं। लेकिन, अगस्त 2017 में घटकर डीटीसी की बसें 3951 रह गईं। डीटीसी की 1273 बसें कम हो गईं। डीटीसी के पास मौजूदा समय में कुल 3800 बसें हैं। जबकि, क्लस्टर सेवा की 1900 बसें हैं। यानी कुल मिलाकर 5700 बसें ही उपलब्ध हैं। डीटीसी में यात्रियों की संख्या में औसतन 8.88 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से कमी हो रही है। मेट्रो स्टेशनों से लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भी अभी तक मात्र 174 मेट्रो फीडर बसें ही चलाई जा सकी हैं।