Coronavirus Case in Delhi: कोरोना ने दिल्ली में भी दी दस्तक, जानें- कब मिलेगी राहत, कैसे करें बचाव

Coronavirus case in delhiदिल्ली में कोरोना के एक मरीज की पुष्टि होने के बाद लोगों में डर का माहौल है। हालांकि राजधानी में यदि मौसम गर्म होगा तो कोरोना का कहर कम हो सकता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 03 Mar 2020 08:10 AM (IST) Updated:Tue, 03 Mar 2020 09:33 AM (IST)
Coronavirus Case in Delhi: कोरोना ने दिल्ली में भी दी दस्तक, जानें- कब मिलेगी राहत, कैसे करें बचाव
Coronavirus Case in Delhi: कोरोना ने दिल्ली में भी दी दस्तक, जानें- कब मिलेगी राहत, कैसे करें बचाव

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली में कोरोना के एक मरीज की पुष्टि होने के बाद लोगों में डर का माहौल है। हालांकि राजधानी में यदि मौसम गर्म होगा तो कोरोना का कहर कम हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना वायरस सर्दी जुकाम की तरह फैलता है। ऐसे में सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

गर्मी से मिलेगी कोरोना वायरस से राहत

गंगाराम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. बॉबी भलोत्र ने कहा कि भारत में अभी तक जो पांच मामले आए हैं वह बाहर से यात्रा करके आए हैं। यहां कोई संक्रमित नहीं हुआ। दिल्ली में भी जिस मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है वह दिल्ली में संक्रमित नहीं हुआ है। अभी तक यहां समुदाय में संक्रमण नहीं फैला है, इसलिए घबराने वाली बात नहीं है। मौसम बदल रहा है। आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी। ऐसे में कोरोना के कहर से बचने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। गर्मी होने पर इसका खतरा कम हो जाएगा। इसकी रोकथाम के लिए जरूरी है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से मिलते जुलते लक्षण वाले मरीजों को अलग रखा जाए।

हर सर्दी जुकाम को कोरोना समझना सही नहीं

बारिश की वजह से भी मौसम में थोड़ा ठंडापन महसूस किया जा रहा है। इस वजह से भी जुकाम हो जाता है। अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मामले भी देखे जा रहे हैं। यह मौसम का ही असर है कि दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 222 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण का लक्षण भी कुछ हद तक फ्लू से मिलता जुलता है। डॉक्टर कहते हैं कि कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के गले में खराश, सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण होते हैं। ऐसे ही लक्षण स्वाइन फ्लू व सामान्य फ्लू में भी होता है। इसलिए हर सर्दी-जुकाम व बुखार को कोरोना समझ लेना ठीक नहीं होगा।

सावधानी से बचा जा सकता है इस बीमारी से

कोरोना वायरस के लिए कोई दवा नहीं होने के कारण आम लोगों में इस बीमारी को लेकर घबराहट बढ़ रही है, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि अगर कुछ सावधानी बरती जाए तो इस वायरस से बचा जा सकता है। इसके लक्षणों के आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है। लक्षण और मरीज की स्थिति के अनुसार उसे कुछ दवाएं दी जा सकती है। जिससे वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

डॉ. केके अग्रवाल (पूर्व अध्यक्ष, आइएमए) के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना का जो मरीज आया है, वह माइल्ड है। पांचवें दिन बुखार आता है व नौवें दिन निमोनिया होता है। यदि निमोनिया नहीं होगा, तो इलाज आसान होगा। ड्रग कंट्रोलर ने एंटी एचआइवी दवा इस बीमारी में देने की स्वीकृति दी है।  

डॉ. सुरनजीत चटर्जी (मेडिसिन विशेषज्ञ, अपोलो अस्पताल) का कहना है कि इलाज मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। मरीज को सर्दी, नजला, बुखार हो तो उसकी दवा दी जाती है। सांस लेने में परेशानी होने पर वेंटिलेटर सपोर्ट भी दिया जा सकता है। 

कोरोना वायरस के लक्षण

सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी, छींक आना, खांसी, बुखार। गंभीर स्थिति में निमोनिया होता है। किडनी पर भी असर पड़ता है।

बचाव का तरीका

 हाथ नियमित रूप से साबुन या हैंडरब से साफ करें।  खांसते वक्त नाक और मुंह को टिश्यू पेपर से ढंक लें।  जिन्हें सर्दी या फ्लू हो उनसे दूरी बनाकर रखें, करीब नहीं जाएं।  भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।   पर्याप्त मात्र में पानी व तरल पदार्थ और पोषक आहार लें।  गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह को स्पर्श न करें।  किसी से मिलने के दौरान गले न लगें और न ही हाथ मिलाएं।   डॉक्टर की सलाह के बगैर कोई भी दवा न लें।   इस्तेमाल हुए नैपकिन या टिश्यू पेपर खुले में न फेंके।  सार्वजनिक स्थलों पर धूमपान करने से बचें। 

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