दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ना चिंताजनक, लेकिन परेशान होने की जरुरत नहीं: डॉ. हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या चिंताजनक तो है पर गंभीर नहीं है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 10:50 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 10:50 PM (IST)
दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ना चिंताजनक, लेकिन परेशान होने की जरुरत नहीं: डॉ. हर्षवर्धन
दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ना चिंताजनक, लेकिन परेशान होने की जरुरत नहीं: डॉ. हर्षवर्धन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि देश कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ रहा हैं। कोविड-19 से निपटने के लिए दो पक्षों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पहला स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार व तैयारियों को आवश्यकता अनुसार सुदृढ़ बनाना और दूसरा उपचार की उन्नत व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए मृत्यु की दर को न्यूनतम स्तर तक लाना।

दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या चिंताजनक तो है पर गंभीर नहीं है। मामले बढ़ने के बावजूद मृत्यु दर में कमी आना यह संकेत देता है कि स्थिति सुधर रही है। यह वायरस नया था और हमें इस पर काबू पाने के लिए किसी जांचे परखे तरीके की जानकारी नहीं थी। इसके बावजूद इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए त्रुटिरहित प्रयास किए गए हैं, जिस वजह से संक्रमण फैलने की गति धीमी हुई है। लॉकडाउन से पहले की तुलना में अब चार गुना ज्यादा समय में मामले दोगुने हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से भारत में मृत्यु दर अन्य सभी देशों से कम है। इसका कारण यह है कि प्रयोगशालाओं की संख्या में 640 फीसद से अधिक वृद्धि की गई है। अब प्रतिदिन 1.60 लाख से अधिक नमूनों की जांच करने की क्षमता है। अब तक 34 लाख से अधिक नमूनों की जांच की गई है। संक्रमित व्यक्ति के परिवार के अन्य सदस्यों और उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच की जाती है। अन्य देशों में ऐसा नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि संक्रमित लोगों के उपचार के लिए पर्याप्त संख्या में विशेष कोविड अस्पताल, विशेष कोविड स्वास्थ्य केंद्र और कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं, जहां लक्षणों की गंभीरता के अनुसार मरीजों का उपचार किया जाता है।

इस समय देश में आइसोलेशन बेड, आइसीयू बेड और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड मिलाकर कुल दस लाख से अधिक बिस्तर हैं। यह देखा गया है कि केवल पांच फीसद तक नाजुक मामले होते हैं जिनके लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। मामलों के एक साथ बढ़ने पर भी संसाधन और सुविधाओं की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के प्रयासों की विश्व भर में सराहना हो रही है। समय पर लॉकडाउन लागू कराने व अन्य निर्णय की विश्व के नेता और अंतरराष्ट्रीय संगठन प्रशंसा कर रहे हैं।

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