देश के दूसरे एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात होंगी महिला कमांडो, जानें- क्या है इनकी खासियतें

कमांडों के लिए सीआइएसएफ की 16 सशक्त महिला कर्मियों का चयन किया गया है। उन्हें एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक हथियार चलाने सहित सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

By Amit SinghEdited By: Publish:Sun, 28 Oct 2018 12:17 PM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 12:17 PM (IST)
देश के दूसरे एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात होंगी महिला कमांडो, जानें- क्या है इनकी खासियतें
देश के दूसरे एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात होंगी महिला कमांडो, जानें- क्या है इनकी खासियतें

नई दिल्ली, संतोष शर्मा। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) की सुरक्षा में पहली बार हथियारों से लैस महिला कमांडो की तैनाती होने वाली है। इसके लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की 16 सशक्त महिला कर्मियों का चयन किया गया है। उन्हें एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक हथियार चलाने सहित सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

एक महीने के प्रशिक्षण के बाद इन महिला कमांडो की तैनाती क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) में की जाएगी। एयरपोर्ट पर तैनात यह महिला कमांडो न केवल हमलावरों से लोहा लेंगी बल्कि अभद्र महिला यात्रियों को भी काबू में करेंगी। महिला कमांडो की तैनाती करने वाला आइजीआइ देश का दूसरा एयरपोर्ट होगा। महिला कमांडो को इजरायली घातक मार्शल आर्ट कर्व मागा में निपुण किया जा रहा हैं।

दी जा रही चार हफ्ते की कड़ी ट्रेनिंग

महिला कमांडो को एयरपोर्ट स्थित सीआइएसएफ कैंप महिपालपुर में चार हफ्ते की कड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है। इन्हें अत्याधुनिक हथियार इंसास और एमपी-5 राइफल के अलावा ग्लॉक पिस्टल चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सॉफ्ट स्किल के तौर पर उन्हें सिखाया जा रहा है कि वह कैसे परिस्थिति के अनुसार यात्रियों से निबटें और हमला होने की स्थिति में हमलावर पर सटीक वार करें।

हमले का भी मुंह तोड़ जवाब देंगी

सीबआइएसएफ के असिस्टेंट आइजी व प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह के अनुसार आइजीआइ एयरपोर्ट की पुख्ता सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ प्रतिबद्ध है। बल में मौजूद महिलाएं किसी भी परिस्थिति में पुरुषों से कम नहीं हैं। एयरपोर्ट पर सशस्त्र महिला कमांडो का दल जहां हंगामे के दौरान महिला यात्रियों को काबू करेगा। वहीं, हमलावरों को मुंह तोड़ जबाब भी देगा।

बनाया गया है कमरे का मॉडल

सीआइएसएफ केंद्र में दो कमरे का मॉडल बनाया गया है। इसके माध्यम से महिला कमांडो को कमरे में हमलावरों के छुपे होने सहित अंदर बंधक बने लोगों को सकुशल छुड़ाने की कार्रवाई का गुर सिखाया जा रहा है। सब इंस्पेक्टर और टीम के ट्रेनर रघुवीर सिंह ने बताया कि महिला कमांडो को रोजाना आठ घंटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन सत्रों में योग व शारीरिक प्रशिक्षण, हथियारों का प्रशिक्षण और सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग शामिल है।

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