ई-कामर्स प्लेटफार्म के खिलाफ CAIT बुधवार को करेगा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन

कारोबारी संगठन कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ई-कामर्स प्लेटफार्म अमेजन के खिलाफ कल देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा। राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल चांदनी चौक के टाउन हाल के नजदीक विरोध-प्रदर्शन में करेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 06:46 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 06:57 PM (IST)
ई-कामर्स प्लेटफार्म के खिलाफ CAIT बुधवार को करेगा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल। फाइल फोटो। ANI

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कारोबारी संगठन कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ई-कामर्स प्लेटफार्म अमेजन के खिलाफ कल देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा। राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल चांदनी चौक के टाउन हाल के नजदीक विरोध-प्रदर्शन में करेंगे। बता दें कि इस बहुराष्ट्रीय ई-कामर्स कंपनी के प्लेटफार्म पर नशीला पदार्थ गांजा बिकने तथा पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल हुए बमों को बनाने में प्रयुक्त केमिकल की बिक्री के मामले को लेकर व्यापारी संगठनों में नाराजगी है।

कैट इस मामले में उक्त कंपनी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने, कंपनी दोषी अधिकारियों को गिरफ्तार करने तथा कंपनी का कारोबार देश में निलंबित करने की मांग कर रहे हैं। खंडेलवाल ने बताया कि बुधवार को विभिन्न राज्यों के 500 से अधिक जिलों में धरना दिया जाएगा व विरोध प्रदर्शन होगा।

कैट ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से तत्काल सीधे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। साथ ही वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी तत्काल ई-कामर्स नियम, ई-कामर्स नीति और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर- 2 की जगह नया प्रेस नोट जारी करने का आग्रह किया है ताकि भारत में ई-कामर्स कंपनियों के आचरण को विनियमित किया जा सके।

खंडेलवाल ने केंद्र सरकार से अमेजन सहित बड़े ई-कामर्स खिलाड़ियों के व्यापार माडल की गहन जांच करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कामर्स पोर्टल पर प्रतिबंधित वस्तुओं या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की कोई बिक्री अथवा संचालन नहीं किया जाता है और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निषिद्ध वस्तुओं की बिक्री में शामिल बाजार संस्थाओं की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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