भारत की रक्षा को इस बार नहीं बंधेंगे चाइनीज रक्षासूत्र, ड्रैगन को लगेगी 4000 करोड़ रुपये की चपत

खंडेलवाल ने कहा कि चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान के चलते इस वर्ष कोई भी चीनी सामान राखी में उपयोग में नहीं होगा जिसके कारण चीन को लगभग 4 हजार करोड़ की चपत लगना तय है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 07:56 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 07:56 PM (IST)
भारत की रक्षा को इस बार नहीं बंधेंगे चाइनीज रक्षासूत्र, ड्रैगन को लगेगी 4000 करोड़ रुपये की चपत
भारत की रक्षा को इस बार नहीं बंधेंगे चाइनीज रक्षासूत्र, ड्रैगन को लगेगी 4000 करोड़ रुपये की चपत

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। चीन भले ही वैश्विक स्तर पर फजीहत कराने के बाद बॉर्डर पर तनाव घटाने की कोशिश में है। पर देश के लोग में उसे लेकर आक्रोश कम नहीं हुआ है। चीनी सामानों के बहिष्कार का अभियान जोर पकड़ रहा है। इस बीच कारोबारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने दावा किया है कि इस बार स्वदेशी राखी के माध्यम से रक्षाबंधन का पर्व मनाने की तैयारी से चीन को तकरीबन चार हजार करोड़ की चपत लगनी तय है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार देश में लगभग 6 हजार करोड़ का राखियों का व्यापार होता है, जिसमें अकेले चीन की हिस्सेदारी लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की होती है। बता दें कि इस साल रक्षा बंधन तीन अगस्त को मनाया जाएगा। 

चीन से राखी बनाने का ये सामान होता है आयात

फोम, कागज की पन्नी, राखी धागा, मोती, बूंदे व राखी के ऊपर लगने वाले सजावटी सामान आयात होते हैं। खंडेलवाल ने कहा कि चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान के चलते इस वर्ष कोई भी चीनी सामान राखी में उपयोग में नहीं होगा, जिसके कारण चीन को लगभग 4 हजार करोड़ के व्यापार की चपत लगना तय है।

उन्होंने बताया कि कैट ने पहल कर दिल्ली, नागपुर, भोपाल, ग्वालियर, सूरत, कानपुर, तिनसुकिया, रायपुर, भुवनेश्वर, कोल्हापुर व जम्मू समेत अन्य शहरों में राखियां बनवाने का काम शुरू कर दिया है। इसी तरह संगठन की राज्य इकाइयों व अन्य प्रमुख एसोसिएशन को संदेश भेज कर सलाह दी गई है कि चीन की राखी या राखी में लगने वाला चीनी सामान दुकानदारों द्वारा नहीं बेचा जाना चाहिए।

इसके स्थान पर महिलाओं के स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी महिलाएं, छोटे कारीगर और अन्य लोगों से राखियां बनवाई जाएं और उन्हें बाजारों में बेचने के लिए इन सभी वर्गों के लोगों की सहायता करें। इसके लिए लघु उद्योगों से भी आग्रह किया गया है कि अगर उनके यहां राखियां बनाई जा सकती हैं तो वो भी भारतीय सामान का उपयोग कर राखियां बनाएं।

खंडेलवाल ने कहा कि रक्षा पर्व पर देश की सीमाओं की रक्षा में लगे जाबांज सैनिकों के उत्साहवर्धन के लिए कैट की महिला विंग द्वारा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 5000 राखियां सौंपेंगी। इसी तरह जवानों और पुलिसकर्मियों को भी स्वदेशी राखी बांधी जाएगी।

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