वेस्ट यूपी के कई जिलों में अखिलेश की SP को कमजोर करेगा शिवपाल का मोर्चा

सूबे में समाजवादी पार्टी का संगठन को खड़ा करने में मुलायम सिंह यादव के बाद दूसरे नंबर पर बड़ी भूमिका शिवपाल यादव की रही है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 31 Aug 2018 02:46 PM (IST) Updated:Fri, 31 Aug 2018 03:10 PM (IST)
वेस्ट यूपी के कई जिलों में अखिलेश की SP को कमजोर करेगा शिवपाल का मोर्चा
वेस्ट यूपी के कई जिलों में अखिलेश की SP को कमजोर करेगा शिवपाल का मोर्चा

गाजियाबाद (विवेक त्यागी)। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे शिवपाल यादव का समाजवादी सेक्युलर मोर्चा 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का गणित बिगाड़ेगा। खासकर दिल्ली से सटे और करीब गाजियाबाद, गौतबुद्धनगर, बुलंदशहर, बागपत, शामली, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़ जैसे दर्जनभर से अधिकर जिलों में शिवपाल का मोर्चा अपना असर दिखाएगा। 

बताया जा रहा है है कि लंबे समय से बिना किसी खास जिम्मेदारी के समाजवादी पार्टी से जुड़े नेता शिवपाल के मोर्चे में जा सकते हैं। राजनीति गलियारों में यहां तक कहा जा रहा है कि अलग-थलग चल रहे पुराने समाजवादियों से विचार-विमर्श के बाद ही अलग मोर्चा बनाने का फैसला लिया गया है। सूबे में समाजवादी पार्टी संगठन को खड़ा करने में मुलायम सिंह यादव के बाद दूसरे नंबर पर बड़ी भूमिका शिवपाल यादव की रही है। गाजियाबाद समेत यूपी के हर जिले में पुराने समाजवादी शिवपाल से जुड़े हुए हैं।

गाजियाबाद में सपा एमएलसी जितेंद्र यादव से उनके संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। पिछले दिनों शिवपाल गाजियाबाद के पुराने समाजवादी व पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष नाहर सिंह यादव के आवास पर पहुंचे थे। यह मात्र उदाहरण भर, लेकिन खांटी समाजवादी मुलायम के बाद आज भी शिवपाल यादव को अपना नेता मानते हैं।

चर्चाओं के मुताबिक दरकिनार कर दिए गए गाजियाबाद के समाजवादी नेता शिवपाल के मोर्चे में शामिल होते हैं तो इसका नुकसान सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी और फायदा भाजपा को होगा। मुस्लिम वोट बैंक, जिसे समाजवादी पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है।

चुनाव में सपा, कांग्रेस, बसपा, रालोद सभी पार्टियों की कोशिश इस वोट बैंक को साधने की होती है। शिवपाल का यह मोर्चा इन वोटरों में संशय पैदा करेगा। इस फायदा भी भाजपा को ही होगा। बदलते दौर में शिवपाल के करीबी माने जाने वाले एमएलसी जितेंद्र यादव का रुख भी बदला नजर आ रहा है।

सुरेंद्र कुमार मुन्नी (जिलाध्यक्ष, सपा) की मानें तो उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ रहने की बात कही है। पूरी पार्टी व संगठन राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़ा है। मोर्चे से पार्टी को कोई नुकसान नहीं। यह मोर्चा छह माह में खत्म हो जाएगा।

राहुल चौधरी (महानगर अध्यक्ष, सपा) का कहना है कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर पार्टी व संगठन मजबूती से काम कर रहा है। 2019 लोकसभा चुनाव में सपा निश्चित तौर पर बेहतर प्रदर्शन करेगी। 

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