बड़ा सवालः धरने से अरविंद केजरीवाल को क्या हासिल हुआ, नफा या फिर नुकसान

पक्ष में नतीजा न निकलने से हताश केजरीवाल धरना खत्म कर बिना मीडिया को कुछ बताए सीधे अपने घर पहुंचे। धरना खत्म होने का एलान भी स्वयं नहीं किया।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 20 Jun 2018 11:32 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jun 2018 12:53 PM (IST)
बड़ा सवालः धरने से अरविंद केजरीवाल को क्या हासिल हुआ, नफा या फिर नुकसान
बड़ा सवालः धरने से अरविंद केजरीवाल को क्या हासिल हुआ, नफा या फिर नुकसान

नई दिल्ली (जागरण स्पेशल)। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की धरने की सियासत इस बार काम नहीं आई। यही वजह रही कि केजरीवाल को बिना कुछ हासिल हुए 9वें दिन राजनिवास के प्रतीक्षालय से धरना खत्म कर बैरंग लौटना पड़ा। धरना खत्म होने के बाद जाहिर है आम आदमी पार्टी इसके नफा नुकसान का आंकलन जरूर करेगी, क्योंकि नफा होता है तो केजरीवाल हारे हुए खिलाड़ी की तरह ढलती शाम के साथ धरना खत्म नहीं करते।

हताशा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपने पक्ष में नतीजा न निकलने से हताश केजरीवाल धरना खत्म कर बिना मीडिया को कुछ बताए सीधे अपने घर पहुंचे। धरना खत्म होने का एलान भी मुख्यमंत्री ने स्वयं नहीं किया। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने ही अपने आवास से धरना खत्म करने की घोषणा की। यही नहीं, धरने के दौरान नौ दिनों से बात-बात पर ट्वीट कर रहे केजरीवाल ने धरना खत्म करने का ट्वीट भी नहीं किया।

दरअसल, इस बार केजरीवाल की धरने की सियासत का रंग फीका रह गया। धरने के दूसरे दिन कार्यकर्ताओं से सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर भारी संख्या में पहुंचने की अपील की गई थी। बाद में तय हुआ कि मुख्यमंत्री के घर के बाहर प्रार्थना की जाएगी। इसमें मात्र 200 लोग ही पहुंचे। आम लोग तो दूर, पार्टी के कार्यकर्ता ही इस प्रार्थना सभा में नहीं पहुंचे।

जब यह बात मीडिया में आई तो अगले दिन राजनिवास तक मार्च के लिए विधायकों को और पार्षदों को भीड़ लाने का आदेश दे दिया गया। तब कहीं जाकर इस मार्च के लिए पार्टी भीड़ जुटा सकी। इसके बावजूद आम लोगों में पार्टी के पक्ष में माहौल नहीं बना। रविवार को प्रधानमंत्री आवास तक मार्च का एलान करने के साथ ही आम आदमी पार्टी को ताकत दिखाने के लिए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइएम) और अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का सहारा भी लेना पड़ा। इसके बाद भी जनता की सहानुभूति केजरीवाल को नहीं मिली। बिजली-पानी की समस्या को लेकर जनता परेशान रही और केजरीवाल के धरने की जमकर आलोचना भी कर रही थी। वहीं, भाजपा, कांग्रेस और स्वराज इंडिया पानी की समस्या को लेकर वार्ड और मंडल स्तर पर लोगों से जुड़े रहे।

एलजी ने बैठकों का दौर रखा जारी

धरने से बेफिक्र उपराज्यपाल बैजल ने मंगलवार को भी बैठकों का दौर जारी रखा। इस क्रम में मंगलवार को उन्होंने डीडीए बोर्ड की बैठक ली। दरअसल, केजरीवाल के इस धरने से शुरुआती दो तीन दिन तो राजनिवास का कामकाज प्रभावित रहा। लेकिन, उसके बाद इस धरने को दरकिनार कर उपराज्यपाल सहित उनका सारा स्टाफ अपनी जिम्मेदारियों के निवर्हन में जुट गया। मुलाकातियों को अनुमति नहीं देकर राजनिवास ने इस धरने का दायरा भी कभी नहीं फैलने दिया। इस धरने के दौरान ही उपराज्यपाल ने वायु प्रदूषण पर उच्चस्तरीय बैठक ली, मास्टर प्लान 2041 पर बैठक की और मंगलवार को मास्टर प्लान 2021 में संशोधन को लेकर डीडीए बोर्ड की बैठक भी ली। यह बात अलग है कि सभी बैठकें उपराज्यपाल के आवासीय क्षेत्र में ली गईं। उपराज्यपाल ने न तो कभी धरने के दौरान किए जा रहे ट्वीट पर जवाब दिया और न ही धरने से जुड़ी किसी अन्य गतिविधि पर। यहां तक कि चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक को धरने पर बैठे नेताओं से मिलने की अनुमति नहीं दी।

धरना देने की कोशिश, पुलिस ने की नाकाम

राजनिवास के डाइनिंग रूम में मंगलवार को डीडीए बोर्ड की बैठक खत्म होने के बावजूद आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने फिर गैर कानूनी तरीके से धरना देने की कोशिश की। पहले तो पुलिस उन्हें बाहर निकलने के लिए अनुरोध करती रही। जब वह नहीं मानें तब जोर जबरदस्ती पर उतारु होते ही वे खुद राजनिवास से बाहर निकल घर चले गए। पुलिस के मुताबिक मंगलवार सुबह उपराज्यपाल की अध्यक्षता में डीडीए बोर्ड की बैठक थी।

प्रतीक्षालय में मुख्यमंत्री के धरना देने के कारण बैठक डाइनिंग रूम में हुई। बैठक में डीडीए के अधिकारी के अलावा डीडीए बोर्ड के सदस्य होने के नाते मालवीय नगर के विधायक सोमनाथ भारती व कृष्णा नगर के विधायक एसके बग्गा भी शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद सोमनाथ भारती व एसके बग्गा वहीं बैठे रह गए। सूचना मिलते ही एसीपी सिविल लाइंस अशोक त्यागी 20 पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंच गए। कुर्सी पर बैठे सोमनाथ भारती को चार पुलिसकर्मियों ने जब गोद में उठाने की कोशिश की तब उन्होंने कहा कि अरे.छोड़िए। इसके बाद पुलिस के साथ निकल गए।

अधिकारी अब ले रहे हैं बैठकों में हिस्सा : मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने मथुरा रोड स्थित आवास पर प्रेसवार्ता कर अधिकारियों के बैठक में हिस्सा लेने की बात कही है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत और राजेंद्र पाल गौतम ने अपने संबधित विभागों की बैठक बुलाई थी, जिसमें मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और आइएएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा सक्सेना ने भी बैठकों में हिस्सा लिया। योजनाओं पर चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि चूंकि अब बैठकों में आने की बात अधिकारियों द्वारा मान ली गई है। इसलिए केजरीवाल अब अपना धरना खत्म कर रहे हैं।

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