केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री को आंदोलन में नहीं बुलाएंगे: अन्ना

अन्ना ने कहा कि मैं शुरू से ही राजनीति में न जाने के पक्ष में था लेकिन अरिवंद सहित कुछ लोगों ने राजनीति में जाने का रास्ता चुना, आज उसका नतीजा सामने है।

By Amit MishraEdited By: Publish:Mon, 05 Feb 2018 10:17 PM (IST) Updated:Mon, 05 Feb 2018 10:18 PM (IST)
केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री को आंदोलन में नहीं बुलाएंगे: अन्ना
केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री को आंदोलन में नहीं बुलाएंगे: अन्ना

नई दिल्ली [जेएनएन]। केजरीवाल सरकार में आए दिन हो रहे भ्रष्टाचार के पर्दाफाश से आहत सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे रामलीला मैदान में 23 मार्च को आयोजित किए जाने वाले जन आंदोलन में मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल को नहीं बुलाएंगे। सत्ता को भ्रष्टाचार की जननी मानने वाले अन्ना का कहना है कि केजरीवाल सरकार भी अन्य सरकारों की तरह ही है इसमें कुछ अलग नहीं, सब कुर्सी और पैसे के दलदल में फंसे हैं। आए दिन जिस तरह से सरकार में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो रहा है उससे मन आहत होता है।

23 मार्च के जन आंदोलन की तैयारी

केजरीवाल को जन आंदोलन में न बुलाने और उनकी सरकार में भ्रष्टाचार होने की बात अन्ना ने सोमवार को पंजाबी बाग में 23 मार्च के जन आंदोलन की तैयारी के लिए खोले गए कार्यालय के उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कही।

नतीजा सामने है

अन्ना ने कहा कि मैं शुरू से ही राजनीति में न जाने के पक्ष में था लेकिन अरिवंद सहित कुछ लोगों ने राजनीति में जाने का रास्ता चुना, आज उसका नतीजा सामने है। राजनीति की राह पर अरविंद न जाते तो शायद आज उनकी तरफ उंगली न उठ रही होती। अन्ना ने कहा कि राजनीति और सत्ता का मोह ही देश में ऐसा है जो पैसे का मोह पैदा करता है और फिर राजनेता भ्रष्टाचार के दलदल में फंसकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। यही अरविंद की सरकार में हो रहा है।

किसानों को मुद्दे पर आंदोलन 

23 मार्च को फिर से जन आंदोलन शुरू करने के बाबत अन्ना ने कहा कि आज किसानों की हालत किसी को नहीं दिखाई दे रही है। किसान आत्महत्या करने को विवश हैं लेकिन उन्हें राहत देने के बजाय मोदी सरकार ने कई वस्तुओं पर जीएसटी ही 18 प्रतिशत कर दिया जिससे सबसे ज्यादा बुरा असर किसानों पर पड़ रहा है। इसी तरह से अभी तक जन लोकपाल भी नहीं लागू किया गया है, जब भाजपा सत्ता में नहीं थी तो इसके नेता कहते थे कि सत्ता में आते ही जन लोकपाल भी लागू करेंगे और किसान की चिंता भी होगी लेकिन कुछ नहीं हो रहा है अपितु समस्या बढ़ गई है। इसी को लेकर 23 मार्च से फिर उसी रामलीला मैदान में जन आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है।

हलफनामा ले रहे हैं

गौरतलब है कि अन्ना पहले ही कह चुके हैं कि इस आंदोलन से कोई राजनीति में न जाए इसके लिए वह इसमें भाग ले रहे लोगों से हलफनामा ले रहे हैं। 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के चहरा रहे अन्ना हजारे ने कहा था कि वह किसानों के लिए 23 मार्च से दिल्ला में सत्याग्रह करेंगे।

अन्ना ने यह भी कहा था कि आंदोलन में लोगों को जोड़ने के लिए वो अब तक 17 राज्यों का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है, देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिलता है।

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